बजरमुड़ा घोटाले के बीच कंचन आशुतोष पोर्ते बनीं सरपंच पद की प्रमुख दावेदार…
बजरमुड़ा, तमनार (रायगढ़)। ग्राम पंचायत बजरमुड़ा में भू-अर्जन घोटाला, पंचायत फंड में भ्रष्टाचार और बिजली चोरी के खुलासे के बाद गांव में राजनीति गरमा गई है। प्रशासन की सख्त कार्रवाई और ग्रामीणों के आक्रोश के बीच अब नए नेतृत्व की मांग तेज हो गई है। इसी माहौल में कंचन आशुतोष पोर्ते, जो लंबे समय से सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही हैं, ने आगामी सरपंच चुनाव में अपनी दावेदारी पेश कर दी है।
ईमानदार नेतृत्व की मांग के साथ कंचन आशुतोष पोर्ते की दावेदारी: ग्राम पंचायत में हुए घोटालों और अनियमितताओं को देखते हुए ग्रामीणों की मांग है कि इस बार ईमानदार, शिक्षित और पारदर्शी नेतृत्व को मौका मिलना चाहिए। कंचन आशुतोष पोर्ते, जो पिछले कई वर्षों से पंचायत से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय रही हैं, को इस पद के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
ग्रामीणों का समर्थन, पारदर्शी प्रशासन का वादा : कंचन आशुतोष पोर्ते ने पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर पहले भी आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा, “गांव के विकास के लिए पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन जरूरी है। यदि मुझे मौका मिलता है, तो मैं जनता के पैसे का सही उपयोग सुनिश्चित करूंगी और पंचायत को एक आदर्श ग्राम पंचायत बनाऊंगी।”
घोटालेबाजों के खिलाफ आंदोलन, कंचन आशुतोष पोर्ते बनीं जनआवाज: भू-अर्जन घोटाले और पंचायत भ्रष्टाचार को लेकर कंचन आशुतोष पोर्ते पहले ही प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग कर चुकी हैं। उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है और प्रशासन पर दबाव बढ़ाया है। इस वजह से वे अब ग्रामीणों की पहली पसंद बनती दिख रही हैं।
राजनीतिक समीकरण और चुनावी रणनीति : बजरमुड़ा पंचायत में अब तक जो भी नेतृत्व रहा, वह विवादों में घिरा रहा है। ऐसे में ग्रामीण इस बार बदलाव चाहते हैं। कंचन आशुतोष पोर्ते के समर्थन में कई सामाजिक संगठन और जागरूक युवा सामने आए हैं, जो उनके लिए एक मजबूत जनाधार तैयार कर रहे हैं।
बजरमुड़ा में हुए घोटाले और प्रशासनिक कार्रवाई ने पूरे चुनावी माहौल को बदल दिया है। भ्रष्टाचार और कुप्रशासन के खिलाफ जनता का गुस्सा अब बदलाव की मांग कर रहा है। ऐसे में कंचन आशुतोष पोर्ते की दावेदारी मजबूत होती दिख रही है और वे सरपंच पद की सबसे बड़ी दावेदार के रूप में उभर रही हैं। अब देखना होगा कि आगामी चुनाव में जनता किसे अपना नया नेतृत्व सौंपती है।