चंद्रशेखरपुर की सरपंच जिला बाई राठिया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, चुनाव लड़ने में आ सकती है भारी दिक्कत…
रायगढ़: छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं, लेकिन रायगढ़ जिले की सबसे चर्चित ग्राम पंचायत चंद्रशेखरपुर की सरपंच जिला बाई राठिया के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उनका अदेय प्रमाण पत्र अटक सकता है, जिससे उनका चुनाव लड़ना मुश्किल हो सकता है।
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी सरपंच : ग्राम पंचायत चंद्रशेखरपुर में विकास कार्यों में अनियमितता को लेकर ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और एक सप्ताह तक पंचायत भवन को तालाबंद कर भूख हड़ताल की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के विभिन्न कार्यों के लिए आवंटित राशि का दुरुपयोग किया गया और अधूरे निर्माण कार्यों के नाम पर फंड निकाला गया।
इन योजनाओं में बताया जा रहा है गड़बड़ी का मामला:
- शौचालय प्रोत्साहन राशि – पूरी तरह से वितरित नहीं की गई, ग्रामीणों के दबाव के बाद चुपचाप कुछ लोगों को नकद भुगतान किया गया।
- ठाकुरदेव सामुदायिक भवन – 10 लाख में से 4 लाख खर्च का कोई हिसाब नहीं।
- डीएमएफ फंड (सीसी रोड, गांधी चौक) – 1.48 लाख का आहरण, लेकिन कार्य अधूरा।
- अंबेडकर चौक – 5 लाख का भुगतान, पर निर्माण कार्य शुरू नहीं।
- पचरी और सामुदायिक शौचालय (प्राइमरी स्कूल) – 2 लाख की राशि निकाली, लेकिन कोई काम नहीं हुआ।
- एसबीएम फंड – 13 लाख से अधिक का बकाया, निर्माण अधूरा।
कुल मिलाकर, लगभग 27 लाख रुपये की राशि निकाली गई लेकिन निर्माण कार्य पूरे नहीं किए गए।
अदेय प्रमाण पत्र पर बड़ा सवाल? ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं के चलते सरपंच को चुनाव लड़ने के लिए अनिवार्य अदेय प्रमाण पत्र मिलने में दिक्कत आ सकती है। यदि जनपद सीईओ द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, तो यह विवाद का विषय बन सकता है।
ग्रामीणों की मांग – हो निष्पक्ष जांच : ग्रामवासियों का कहना है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि सरपंच दोषी साबित होती हैं, तो उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए, ताकि भविष्य में पंचायतों में पारदर्शिता बनी रहे।
देखना होगा कि जनपद प्रशासन इस मामले में क्या निर्णय लेता है और क्या सरपंच जिला बाई राठिया को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा या नहीं।