बालोद

बालोद जिला प्रशासन की नाक के नीचे अवैध भू-माफिया गतिविधियां, किसानों की ज़मीन पर हो रही है बड़ी धोखाधड़ी

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिला मुख्यालय बालोद में प्रशासन की नजरों से बचकर भू-माफियाओं द्वारा कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग का खेल जोर-शोर से चल रहा है। यह मामला खास तौर पर बालोद जिले के स्टेडियम के पास, नयापारा, ग्राम झलमला, देवारभाट, सिवनी, जगतरा और पाकुरभाट जैसे इलाकों में देखने को मिल रहा है, जहां भू-माफिया खुलकर जमीन के कारोबार में अपनी धाक जमा रहे हैं। इन अवैध गतिविधियों से न केवल कृषि भूमि का शोषण हो रहा है, बल्कि स्थानीय किसानों और भोले-भाले ग्रामीणों को भी भारी नुकसान हो रहा है।

कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग का खेल

जिले में अवैध प्लाटिंग के मामले जिला बनने के बाद से लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भू-माफिया कॉलोनाइज़र एक्ट का उल्लंघन कर कृषि भूमि को अवैध रूप से प्लॉट में बांट रहे हैं, जबकि इस प्रक्रिया में सभी कानूनी और सरकारी नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। खास बात यह है कि कई मामलों में भू-माफियाओं ने आदिवासी और गरीब किसानों से सस्ते दामों में जमीन खरीदी और उस पर बिना किसी अनुमति के अवैध प्लाटिंग शुरू कर दी। इसके बाद, उन्हीं जमीनों को ऊंचे दामों में बेचकर भारी मुनाफा कमाया जा रहा है।

किसानों को हो रहा भारी नुकसान

इस कारोबार में स्थानीय लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। वे अवैध तरीके से बेची जा रही ज़मीन को खरीदते हैं, लेकिन बाद में जब इसका मालिकाना हक और वैधता पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। प्रशासन की इस ओर चुप्पी ने भू-माफियाओं के हौसले बुलंद कर दिए हैं और ये माफिया अब किसी भी प्रकार से अपनी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए तैयार नहीं हैं।

भूमाफियाओं के साथ शहर के प्रॉपर्टी डीलर और सरकारी कर्मचारी भी शामिल

जमीन के इस अवैध कारोबार में केवल भू-माफिया ही नहीं, बल्कि स्थानीय प्रॉपर्टी डीलर, सफेदपोश जनप्रतिनिधि, नेता, अधिकारी और कई पटवारी भी शामिल हैं। इनके बीच मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है, जो प्रशासन के नाक के नीचे फल-फूल रहा है। बावजूद इसके, अभी तक किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।

खेत खलिहानों का नाश और कालोनियों का निर्माण

बालोद-धमतरी मार्ग के आस-पास सिवनी, झलमला, देवारभाट, पाकुरभाट, जगतरा और अन्य गांवों में भूमि का अवैध उपयोग हो रहा है। किसानों की उपजाऊ ज़मीन को नष्ट कर उसमें अवैध कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है। इसकी वजह से खेतों की गुणवत्ता और उपज क्षमता घट रही है और किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

नगर निवेश विभाग और कॉलोनाइजर एक्ट का उल्लंघन

बालोद जिला में पिछले एक दशक से अवैध कॉलोनियों का निर्माण जारी है, जिसमें कॉलोनाइजर और नगर निवेश विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। भूमि के दाम बढ़ने का हवाला देकर भू-माफिया और कुछ प्रभावशाली लोग मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं, जबकि गरीब और मध्यवर्गीय लोग इन गतिविधियों के कारण परेशान हो रहे हैं।

प्रशासन से ठोस कार्यवाही की आवश्यकता

हालांकि बालोद जिले के जिम्मेदार अधिकारियों और प्रशासन को इन अवैध गतिविधियों की जानकारी है, लेकिन अब तक इन मामलों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे न केवल आम जनता का विश्वास प्रशासन से उठता जा रहा है, बल्कि भू-माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता भी महसूस हो रही है। अब सवाल यह है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस गंभीर मुद्दे पर कब सख्त कदम उठाएंगे और कब इन अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण पाया जाएगा?

जिले में चल रहे अवैध भू-माफिया कारोबार और कृषि भूमि पर प्लाटिंग के मामलों ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि प्रशासन की चुप्पी और ढिलाई से यह मामला गंभीर रूप धारण कर चुका है। अगर समय रहते इस पर सख्त कार्यवाही नहीं की जाती है, तो आने वाले समय में इस जिले के कृषि भूमि और किसानों के लिए हालात और भी बदतर हो सकते हैं। प्रशासन को इस मुद्दे पर शीघ्र कदम उठाते हुए उन भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि जिले की भूमि और जनता की हक – हुकूक को बचाया जा सके।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग
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