बालोद

डौंडी में खुलेआम अवैध शराब का कारोबार, पुलिस की लापरवाही से बढ़ रही दुर्घटनाएं

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। बालोद जिले के डौंडी तहसील मुख्यालय में स्थित गजराज ढाबा में अवैध शराब का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है, जबकि पुलिस प्रशासन की तरफ से इस पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हो रही है। स्टेट हाईवे पर स्थित यह ढाबा, जो वाहन चालकों और राहगीरों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बन चुका है, अब अवैध शराब का गढ़ बन चुका है। यहां पर शराब परोसी और बेची जा रही है, जिससे न सिर्फ यातायात की सुरक्षा खतरे में है, बल्कि क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।

अवैध शराब का धंधा: गजराज ढाबे की खुली गतिविधि

गजराज ढाबा पर अवैध शराब का कारोबार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यहां पर न केवल शराब परोसी जा रही है, बल्कि खुलेआम बेची भी जा रही है। वाहन चालकों के लिए यह ढाबा एक प्रमुख पड़ाव है, जहां वे आराम करने के साथ-साथ शराब पीकर अपनी यात्रा जारी रखते हैं। यह स्थिति न केवल अवैध है, बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुकी है।

गजराज ढाबे के आसपास के लोग और यात्री बताते हैं कि यहां पर शराब के नशे में धुत वाहन चालक अक्सर गाड़ी चलाते हैं। यह स्थिति सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रही है, और कई परिवारों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। अवैध शराब के सेवन के बाद वाहन चलाना न केवल आपराधिक कृत्य है, बल्कि यह सार्वजनिक जीवन के लिए गंभीर खतरे का कारण बनता है।

पुलिस की लापरवाही: कागजी खानापूर्ति से काम चलाना

वहीं, डौंडी थाना प्रभारी मनीष शेंडे की ओर से इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कागजी खानापूर्ति के रूप में पुलिस ने कुछ औपचारिकता निभाई है, लेकिन वास्तविक कार्यवाही की कोई सूचना नहीं है। जब तक कड़ी निगरानी और सख्त कार्यवाही नहीं होती, तब तक इस तरह के अवैध कार्यों पर नियंत्रण पाना मुश्किल होगा। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले भी गजराज ढाबे पर अवैध शराब के संबंध में खबर प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद महज कागजी खानापूर्ति की गई थी। जिसके चलते ढाबा संचालक के हौंसले बुलंद हो गए हैं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पुलिस प्रशासन को अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए और गजराज ढाबा पर चल रहे अवैध शराब के कारोबार को तुरंत बंद करवाना चाहिए, ताकि इस क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके।

बालोद पुलिस अधीक्षक सुरजन भगत का बयान

इस मामले पर बालोद जिला पुलिस अधीक्षक सुरजन भगत ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि, “मैंने पहले ही जिले के सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हुए हैं कि किसी भी थाना क्षेत्र में अवैध कार्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि डौंडी थाना क्षेत्र में गजराज ढाबे में खुलेआम अवैध शराब परोसी व बेची जा रही है, तो तत्काल पुलिस कार्यवाही की जाएगी और अवैध शराब कारोबारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।”

यह बयान पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता को दूर करने और अवैध शराब के कारोबार पर कड़ी कार्यवाही की ओर एक सकारात्मक कदम हो सकता है। हालांकि, यह देखना होगा कि पुलिस प्रशासन द्वारा इस आदेश के बाद गजराज ढाबे पर कितनी जल्दी और प्रभावी कार्यवाही की जाती है।

सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि: शराब पीकर गाड़ी चलाने से बढ़ता खतरा

गजराज ढाबे से जुड़े एक और गंभीर मुद्दे की बात की जाए, तो वह है शराब के नशे में गाड़ी चलाने के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाएं। कच्चे लोहे के परिवहन में लगे ट्रक और अन्य भारी वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं, और शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले वाहन चालकों के कारण आए दिन भीषण सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। इन दुर्घटनाओं का प्रभाव न केवल वाहन चालकों पर पड़ता है, बल्कि आस-पास के ग्रामीणों और यात्रियों के लिए भी यह खतरनाक साबित हो सकता है।

इन दुर्घटनाओं में कई लोग घायल हो चुके हैं और कई परिवार उजड़ चुके हैं। यह सब शराब के नशे में गाड़ी चलाने की वजह से हो रहा है, और यदि यह सिलसिला जारी रहा तो यह सार्वजनिक जीवन के लिए एक बड़ी समस्या बन जाएगा।

क्या पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाएगा?

गजराज ढाबे में अवैध शराब का कारोबार और शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटनाएं बालोद जिले के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। अब यह पुलिस प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह बालोद पुलिस अधीक्षक सुरजन भगत के निर्देशों को प्रभावी रूप से लागू करते है या नहीं। अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है। यदि पुलिस प्रशासन सख्ती से कार्यवाही करता है, तो यह न केवल अवैध शराब के कारोबार को खत्म करेगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी, जिससे बालोद जिले के नागरिकों की सुरक्षा और जीवन को बचाया जा सकेगा।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग
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