नगर पालिका परिषद का आदर्श गौठान बना शराबियों का अड्डा: जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के संकेत
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के दल्ली राजहरा में वर्षों से नगर पालिका परिषद द्वारा आदर्श गौठान का दावा किया जा रहा है, लेकिन इस गौठान की वास्तविकता कुछ और ही है। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने गौवंश की देखभाल व सुरक्षा के लिए राज्य के सभी गांव व शहरों में आदर्श गौठान की योजना बनाई थी। लेकिन उन्हीं के कांग्रेसी नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर के द्वारा अपने करीबी बताए जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस बेहतर योजना पर भ्रष्टाचार की कालिख पोत दी गई है।
बता दें कि आदर्श गौठान वह स्थल है जो एक समय पर नगरवासियों और पशुपालकों के लिए एक आदर्श गौठान के रूप में प्रस्तुत किया गया था, वह अब शराबियों का अड्डा बन चुका है। जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही, नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर का भ्रष्टाचार, और प्रशासनिक नाकामी के कारण यह गौठान अब अपनी असल पहचान खो चुका है।
सालों पहले, जब छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने गौठान की योजना बनाई थी, तब यह क्षेत्र पशुपालन और कृषि आधारित गतिविधियों के लिए आदर्श स्थल के रूप में प्रस्तुत किया गया था। यह परियोजना नगरवासियों तथा आसपास के ग्रामीणों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी, जहां वे अपने पशुओं को सुरक्षित रख सकें और इसके साथ ही इस गौठान का उपयोग अन्य विकास कार्यों के लिए किया जा सके।
हालांकि, यह आदर्श गौठान अब अपनी प्रमुखता खो चुका है और शराबियों का अड्डा बन गया है। गौठान के भीतर शराब पीने और नशा करने के दृश्य आम हो गए हैं, जिससे इस स्थान की प्रतिष्ठा और उद्देश्य दोनों ही समाप्त हो गए हैं। यह स्थिति नगर पालिका की लापरवाही और नेताओं की निष्क्रियता का प्रत्यक्ष परिणाम है।
वहीं सीसी रोड में दरारें भी नगर पालिका राजहरा के भ्रष्टाचार का उदाहरण है। गौठान की ओर जाने वाली सीसी रोड अब खस्ताहाल हो चुकी है। कभी जो रोड मजबूत और सुरक्षित बताई जाती थी, वह अब दरारों और टूट-फूट से भर चुकी है। यह रोड अब सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी है, क्योंकि राहगीरों और ग्रामीणों को इसका उपयोग करते समय समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दल्ली राजहरा नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर की कार्यशैली और भ्रष्टाचार के कारण इस महत्वपूर्ण सड़क की मरम्मत और रख-रखाव की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। क्या यह एक सुनियोजित योजना का हिस्सा है, या फिर यह लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम है, जो आम जनता की पीड़ा को बढ़ा रहा है?
गौठान तक जाने वाली सड़क की हालत यह बताती है कि शासन और प्रशासन ने इस क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता नहीं दी है। यह नगर पालिका परिषद की अवसरवादी और भ्रष्ट कार्यशैली का स्पष्ट उदाहरण है, जिसने इस सड़क के रखरखाव और मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस सड़क का टूटना और दरारों का होना यह दर्शाता है कि नेताओं और जिम्मेदार अधिकारियों के लिए जनता की समस्याओं का कोई महत्व नहीं है।
शहर की सड़कों का बुरा हाल, गौठान की हालत और भ्रष्टाचार की गंध, सभी नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर के कार्यकाल की निशानियां हैं। उनके कार्यकाल में राजहरा नगर पालिका परिषद ने कई योजनाओं की घोषणा तो की, लेकिन वास्तविकता में इन योजनाओं का कोई असर नहीं पड़ा।
शराबियों का अड्डा बनने के बाद, यह गौठान अब न केवल एक गंदगी का ढेर बन चुका है, बल्कि यहां सार्वजनिक सुरक्षा और स्वच्छता की स्थिति भी बेहद खराब है। इसके बावजूद, नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर और उनके अधिकारियों ने इस मुद्दे पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। क्या यह भ्रष्टाचार का हिस्सा है, जहां सार्वजनिक धन का गलत उपयोग किया गया है और जनता की परेशानियों को नजरअंदाज किया गया है?
इसका सीधा संबंध नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर के नेतृत्व में चल रही भ्रष्ट प्रशासनिक कार्यशैली से है, जिसके कारण नगर पालिका के कार्यों में पारदर्शिता का अभाव है। यह स्थिति शहर की जनता के विश्वास को घटित करने वाली है और यह दिखाती है कि किस तरह से राजनीतिक नेतृत्व और प्रशासन ने स्वच्छता, सुरक्षा और विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
इस गौठान के बारे में जो सबसे बड़ी समस्या सामने आई है, वह यह है कि यहां सार्वजनिक समस्याओं को छिपा लिया जाता है। दल्ली राजहरा नगर पालिका परिषद में कई ऐसे अनदेखे मुद्दे और छिपे हुए मामले हैं, जो आम जनता से छिपाए जाते हैं। इन मामलों का पर्दाफाश करने की कोई कोशिश नहीं की जाती, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही का पूरी तरह से अभाव होता है।
नगर पालिका की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण अब इस गौठान का उपयोग शराबियों और अपराधियों के लिए एक सुरक्षित स्थान के रूप में हो रहा है। वहीं गुप्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस आदर्श गौठान परिसर के अंदर नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी एवं पदाधिकारियों द्वारा शराब, शबाब और कबाब का दौर भी आए दिन होता है। जिसका विपरीत असर समीपस्थ स्थित शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण में अध्ययनरत छात्रों पर भी पड़ रहा है। वहीं दल्ली राजहरा सड़ांध युक्त छी बू की बदबू से शहर ही नहीं आम नागरिक, छात्रगण व सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले मदिरा प्रेमी भी परेशान है। इस लापरवाही का परिणाम यह हो रहा है कि न केवल गौठान की स्थिति बिगड़ी है, बल्कि इस क्षेत्र की सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिति भी प्रभावित हो रही है। इसके कारण आस्थागत विकास और समाज के कल्याण की योजनाओं को भी खतरा हो गया है।
शराबियों के अड्डे बनने के बाद, नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर और उनके प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। ऐसा प्रतीत होता है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण शराब में लिप्त लोगों को इस स्थान पर सक्रिय रहने की छूट दी जा रही है। क्या यह राजनीति और प्रशासन के बीच एक मिला-जुला खेल है, जो इस गौठान को शराबियों के लिए एक सुरक्षित जगह बना रहा है? यह प्रशासनिक नाकामी और राजनीतिक संरक्षण का परिणाम है कि एक समय पर आदर्श गौठान बनकर उभरी यह जगह आज सार्वजनिक असुरक्षा और गंदगी का केंद्र बन चुकी है। जो लोग इस गौठान का उपयोग करने के लिए यहां आते थे, वे अब इससे डरते हैं और इस स्थान को अस्वस्थ और असुरक्षित मानते हैं।
आदर्श गौठान का जो सपना नगर पालिका परिषद दल्ली राजहरा ने दिखाया था, वह आज लापरवाही, भ्रष्टाचार, और प्रशासनिक नाकामी का शिकार हो चुका है। नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर के नेतृत्व में भ्रष्टाचार ने इस गौठान को एक शराबियों का अड्डा बना दिया है। गौठान की सीसी रोड की हालत, वहां हो रही अव्यवस्था और शराबियों की गतिविधियों ने इस क्षेत्र को पूरी तरह से प्रभावित किया है। यह समय है कि नगर पालिका परिषद और स्थानीय प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए और जनता की समस्याओं को गंभीरता से हल करना चाहिए। केवल प्रशासन की जवाबदेही और राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही इस गौठान और शहर को आदर्श बनाने का सपना पूरा हो सकता है।