फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के दल्ली राजहरा में इन दिनों अवैध सट्टा कारोबार एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, जहां पुलिस की मूकदर्शिता और राजनीतिक नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। शहर के विभिन्न हिस्सों में खुलेआम सट्टा संचालित हो रहा है, और पुलिस द्वारा इस पर कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने से यह कारोबार और भी बढ़ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पंडर दल्ली में सटोरिए का बेटा इस अवैध सट्टा कारोबार का मुख्य सरगना बन चुका हैं, जो अपने आप को कांग्रेस का बड़ा नेता मान बैठा है। इन दोनों का नाम पूरे जिले में सट्टा व्यापार से जुड़ा हुआ है, पहले तो बाप का ही नाम सुर्खियों में था लेकिन अब इसने अपने पुत्र को भी इस काले कारोबार के गुर सीखा रहा है। वहीं जिले का साईबर सेल और राजहरा पुलिस इनके खिलाफ कोई कार्यवाही करने में नाकाम साबित हो रही है। वहीं साईबर सेल के प्रयास इस मामले में हमेशा ही असफल रहे है। बावजूद इसके, दोनो बाप बेटे के मोबाइल ट्रेस करने में पुलिस विफल रही है, जिससे इनके कारोबार को रोकने में और भी कठिनाई उत्पन्न हो रही है। इन दोनों बाप-बेटे की अवैध सट्टा गतिविधियों की चर्चा जिले व शहर में आम है, लेकिन पुलिस विभाग इस पर कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रहा है। इसके अलावा, यह भी सवाल उठता है कि राजनीतिक नेताओं ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, जिससे यह कारोबार और भी फल-फूल रहा है।
दल्ली राजहरा के विभिन्न इलाकों में सट्टा कारोबार खुलेआम चल रहा है। राजहरा के पुराना बाजार में वीर नारायण सिंह चौक में, नया बस स्टैण्ड, गांधी चौक मे, कुसुमकसा, मानपुर चौक में और पंडर दल्ली जैसे लोग अवैध सट्टा व्यापार चला रहे हैं। इन सभी के बीच एक समान बात यह है कि इन सबको पुलिस का खुला संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण वे बेखौफ होकर सट्टा कारोबार चला रहे हैं। यह अवैध सट्टा कारोबार न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह सामाजिक रूप से भी हानिकारक है। यह युवाओं को जुआ और नशे की लत में फंसा रहा है और समाज में अपराधों को बढ़ावा दे रहा है। इसके बावजूद, पुलिस की निरंतर मूकदर्शिता और राजनीतिक संरक्षण की वजह से यह कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि सट्टा कारोबार खुलेआम चल रहा है और पुलिस की मूकदर्शिता के कारण इसमें कोई रुकावट नहीं आ रही। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इन सट्टा संचालकों के खिलाफ कोई ठोस जानकारी नहीं मिल रही है, जबकि यह कारोबार सार्वजनिक रूप से चल रहा है और इसके बारे में स्थानीय लोगों को भी अच्छे से जानकारी है।
इसके अलावा, साईबर सेल द्वारा इन सट्टा संचालकों के मोबाइल नंबरों को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इन बाप-बेटे के नेटवर्क की सुरक्षा इतनी मजबूत है कि साईबर सेल भी उनकी गतिविधियों पर नकेल नहीं कस पा रहा है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस और प्रशासन सट्टा कारोबारियों के प्रति नरम रुख अपनाए हुए हैं, या फिर कुछ और ही कारण है, जो इस अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहा है।
इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है, जिससे यह प्रतीत होता है कि इस अवैध कारोबार से किसी को न कोई नुकसान हो रहा है और न ही कोई नफा। स्थानीय नेता इस मुद्दे पर न तो कोई बयान दे रहे हैं और न ही इस पर कोई ठोस कदम उठा रहे हैं। यह स्थिति इस बात को स्पष्ट करती है कि राजनीतिक संरक्षण और सट्टा कारोबारियों के बीच संबंध हैं, जो इस अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं।
अवैध सट्टा कारोबार दल्ली राजहरा में केवल एक आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। यह न केवल युवाओं को गुमराह कर रहा है, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी संकट पैदा कर रहा है। इसके अलावा, इस कारोबार के माध्यम से अपराधों में वृद्धि हो रही है और माफियाओं का नेटवर्क भी मजबूत हो रहा है।
दल्ली राजहरा में अवैध सट्टा कारोबार के मामले में पुलिस की निष्क्रियता और राजनीतिक नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। यह आवश्यक हो गया है कि पुलिस प्रशासन इस अवैध कारोबार पर कड़ी कार्रवाई करे और राजनीतिक नेताओं को भी इस मुद्दे पर जवाबदेह ठहराया जाए। साथ ही, स्थानीय लोगों को भी इस अवैध गतिविधि के खिलाफ सचेत और सक्रिय बनाने की जरूरत है, ताकि समाज और कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।
वहीं इस संबंध में बालोद जिला पुलिस अधीक्षक सुरजन भगत ने बताया कि समय समय पर जिले के सभी थाना व चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया जाता है कि उनके थाना क्षेत्र में अवैध कारोबारियों खासकर सट्टा कारोबार पर तत्काल कार्यवाही कर ऐसे लोगों को जेल दाखिल किया जाए। पुलिस विभाग द्वारा लगातार अवैध कारोबारियों पर लगातार कार्यवाही की जाती है।
वहीं यह समय है कि पुलिस विभाग और प्रशासन इस अवैध सट्टा कारोबार को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि दल्ली राजहरा में अपराध और अव्यवस्था पर काबू पाया जा सके और शहर को सुरक्षित बनाया जा सके।