बालोद

बालोद जिले में स्कूली वाहन पलटने से दर्दनाक हादसा: एक छात्र की मौत, चार घायल

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। बालोद जिले में साल के आखिरी दिन एक दर्दनाक सड़क हादसा ने कई परिवारों की खुशियों को मातम में बदल दिया। गुरुर थाना क्षेत्र के पास स्थित ग्राम सोहपुर में एक स्कूली वाहन के पलटने से 12 वर्षीय कुणाल साहू की मौत हो गई, जबकि अन्य 10 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे ने स्कूली वाहन सुरक्षा और परिवहन विभाग की लापरवाही को फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है।

घटना मंगलवार सुबह 8:30 बजे की है, जब टाटा मैजिक वाहन (सीजी 05 एफ 0663), जो निपानी के आत्मानंद शासकीय स्कूल के 12 छात्रों को लेकर जा रहा था, अचानक पलट गया। वाहन में सवार छात्र स्कूल में पढ़ाई करने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में यह वाहन नियंत्रण से बाहर हो गया और पलट गया। इस दुर्घटना में कुणाल साहू की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य चार बच्चे घायल हो गए। इनमें से एक बच्चे को धमतरी रेफर किया गया है, जो गंभीर रूप से घायल था। बाकी बच्चों को मामूली चोटें आईं हैं।

पुलिस जांच में वाहन चालक संजू साहू की लापरवाही सामने आई है, जो वाहन चलाते वक्त सुरक्षित तरीके से ड्राइविंग नहीं कर रहा था। हादसे के बाद, पुलिस ने चालक को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। इस घटना ने यह सवाल भी उठाया है कि कैसे एक गैर-बीमित वाहन बिना किसी रोक-टोक के सड़कों पर दौड़ रहा था।

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि वाहन का बीमा दो साल पहले ही समाप्त हो चुका था, लेकिन वाहन संचालक और परिवहन विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस दुर्घटना ने परिवहन विभाग की उदासीनता और नियमन की कमी को उजागर किया है।

मामले की जांच में यह भी सामने आया कि यह वाहन स्कूल प्रशासन के बजाय, बच्चों के अभिभावकों द्वारा निजी तौर पर किराए पर लिया गया था। स्कूली शिक्षा विभाग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। विभाग ने स्कूल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है और इस घटना के बाद बच्चों के लिए सुरक्षित परिवहन व्यवस्था की पुनः समीक्षा करने की दिशा में कदम उठाने की बात कही है।

यह हादसा स्कूल प्रशासन, अभिभावकों और परिवहन विभाग के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या हमारी सड़क सुरक्षा व्यवस्था और स्कूल वाहन नीति बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है? क्या बच्चों के लिए चलने वाले वाहन सुरक्षित और कानूनी हैं?

स्कूली वाहनों के संचालन में अवसरवादिता और लापरवाही के चलते इस हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। अब यह आवश्यक हो गया है कि परिवहन विभाग, स्कूल प्रशासन और अभिभावक मिलकर यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को सुरक्षित परिवहन सेवाएं प्रदान की जाएं और कानूनी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके साथ ही, गैर-कानूनी वाहनों और बीमित न होने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

इस दर्दनाक हादसे ने यह दिखा दिया है कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा के मामले में कोई भी लापरवाही या सौदेबाजी नहीं होनी चाहिए। स्कूल प्रशासन, अभिभावक और परिवहन विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि सड़क पर चलने वाले सभी स्कूली वाहनों की सुरक्षा और कानूनी स्थिति सही हो। अब वक्त आ गया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ा नियम और निगरानी सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में कोई बच्चा इस प्रकार की दुखद घटना का शिकार न हो।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग
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