लापरवाही : डौंडी क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री जोरो पर
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद/डौंडी। छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक ओर अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने पुलिस विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में डौंडी पुलिस और जिला आबकारी विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते डौंडी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की अवैध बिक्री जोरों पर है।
जिला मुख्यालय में आबकारी विभाग का कार्यालय सिर्फ फाइलों में है, जबकि जिले में अवैध शराब का कारोबार पूरे जोर शोर से चल रहा है, अवैध शराब पर लगाम कसने सरकार के दो विभाग तैनात है लेकिन ना ही आबकारी विभाग कार्यवाही करता है और ना तो पुलिस विभाग पूरी शिद्दत से अपना फर्ज निभाता है। दल्ली राजहरा में ही आबकारी विभाग का कार्यालय है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होना समझ से परे है। दोनों जिम्मेदार विभागों के कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही का पूरा फायदा शराब माफिया उठा रहे हैं। अंदर के गांव में शराब के सभी ब्रांड मिल जाते हैं, पर लोगों को इसके लिए दोगुने दाम देने होते हैं।
शराब दुकान से प्रतिदिन बोरियों में भरकर शराब माफिया शराब ले जाते नजर आते हैं, पर इसकी सुध न आबकारी विभाग को है, न डौंडी पुलिस को। राजहरा से डौंडी मुख्य मार्ग पर ही ग्राम गोटूलमुंडा और साइन बोर्ड मलकुंवर चौक में पूरे शबाब पर अवैध शराब बेची और परोसी जा रही है। गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डौंडी से राजहरा तक सभी होटल व ढाबों पर अवैध शराब बिक्री जोरो पर है वही ग्राम गोटूलमुंडा में एक ढाबे में कई देशी विदेशी ब्रांड की शराब आसानी से उपलब्ध है वही साइन बोर्ड मलकुंवर चौक में एक पति पत्नी द्वारा वहां मौजूद शराब के शौकीनों को खुलेआम पूरी मेहमान नवाजी के साथ देशी शराब आसानी से उपलब्ध कराई व पिलाई जाती है, जबकि इन गांव में से सुबह शाम पुलिस व अन्य विभागीय अधिकारियों का काफिला रोजाना फर्राटे भरते गुजरता है। बावजूद इसके शराब कोचियों द्वारा निर्धारित स्थान तक शराब पहुंचाना पुलिस विभाग और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है।
इन अवैध शराब की बिक्री से शासन को तो फायदा हो रहा है, पर ग्रामीण क्षेत्रों में मनमाने दामों में कोचियों द्वारा शराब का अवैध कारोबार करना ग्रामीणों को बर्बाद कर रहा है। क्षेत्र में हो रहे अवैध शराब बिक्री पर लोगो में काफी रोष है वही उन्होंने बताया कि शिकायत करने पर भी जिम्मेदारो को होश नहीं आ रहा है। वहीं अवैध शराब पर नकेल कसने दोनों जिम्मेदार विभाग कार्यवाही नही करते, इन अवैध शराब कारोबारियों को जिम्मेदार विभाग का संरक्षण प्राप्त है।