ग्राम चिखली में धूमधाम से मनाई गई भगवान विश्वकर्मा जयंती
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद/डौंडी। बालोद जिले में शहर समेत कस्बो व गांवों में विश्व के निर्माता भगवान विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनाई गई। डौंडी तहसील के चिखली ग्राम में भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर हवन व पूजन किया गया। पूजन संपन्न होने के उपरांत प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर भागवत यादव, राधेलाल निषाद, हितेश रावटे, लेखराम कृपाल, जितेंद्र भट्ट, अजीत यादव, खिलेश रावटे, यदु रावटे, पंकज निषाद, चंपा लाल सागर, खम्हन लाल तारम आदि लोग मौजूद रहे। वहीं विभिन्न लोहे आदि की दुकानों, वर्कशॉप आदि के अलावा घरों में भी मशीनों की पूजा-अर्चना की गई। कई विश्वकर्मा परिवारों के घरों में हवन पूजन का आयोजन हुआ। लोगों ने अपने घरों में मशीनी और लोहे के उपकरणों की सफाई की और पूजा-अर्चना की गई।
बताते चले कि स्वर्ग लोक से लेकर द्वारिका तक के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा को माना जाता है। साथ ही यह कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा के पूजन से व्यापार में तरक्की होती है। विश्वकर्मा जयंती हर साल के 17 सितंबर को भारत देश में धूमधाम से मनाई जाती है। विश्वकर्मा जयंती के दिन लोग कार्य-व्यापार में तरक्की और घर में सुख-समृद्धि के लिए विश्वकर्मा पूजा करते हैं। इस दिन लोहे के समानों, मशीनों और दुकानों की पूजा होती है ताकि काम में आ रही अड़चने दूर हों और कार्यों में सफलता मिले। पंडित जितेंद्र भट्ट बताते हैं कि भगवान विश्वकर्मा जयंती मनाई जानी की पौराणिक कथा है। कहा जाता है भगवान विश्वकर्मा देवताओं के शिल्पकार थे, भगवान शिव का त्रिशूल, रावण की लंका, श्रीकृष्ण की द्वारिका, देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र और घर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा की दी देन है। उन्हें दुनिया का पहला वास्तुकार माना जाता है।