घरेलू गैस के दुरुपयोग की खुली मनमर्जी
होटल, ढाबों, ठेलो और दुकानों में हो रहा घरेलू गैस सिलेंडर का दुरुपयोग
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। क्या आपको एलपीजी सिलेंडर मिलने में दिक्कत आ रही है? बुकिंग के बाद भी सिलेंडर मिलने में समय लग रहा है? अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी वजह भी जान लें। दरअसल, घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में भारी अंतर होने से घरेलू सिलेंडर की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी चल रही है। जो सिलेंडर आपके घर में सप्लाई होना चाहिए उसे खुले बाजार में अधिक दाम पर बेचा जा रहा है। इसमें एजेंसियां और उसके वेंडर सभी मिले हुए हैं। इससे एजेंसियों की ब्लैक में कमाई बढ़ रही है तो दूसरी ओर उपभोक्ता सिलेंडर के लिए परेशान हो रहे हैं। जिस घरेलू एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल रसोई में होना चाहिए उसे होटल, ढाबे या रेस्टोरेंट में खपाया जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि घरेलू सिलेंडर सस्ता और कॉमर्शियल सिलेंडर महंगा है। शहर और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू गैस का दुरुपयोग खाद्य विभाग नहीं रोक पा रहा है।
बालोद जिले के सभी शहरों और ग्रामों में होटलों ओर ढाबों में खुलेआम घरेलू गैस का दुरुपयोग बंद नहीं हो पा रहा है। घरेलू गैस के व्यवसायिक उपयोग करना द्रवीकृत पेट्रोलियम (प्रदाय और वितरण विनयमन) आदेश 2000 के कंडिकाओ का उल्लंघन है। जिला प्रशासन व खाद्य विभाग की अनदेखी के चलते जिले के कई क्षेत्रों में दुकानदारों व होटल संचालकों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधान का जरा भी खौफ नहीं है। प्रशासन की कार्रवाई सुस्त होने से घरेलू सिलेंडर का खूब उपयोग हो रहा है। घरेलू गैस का दुरुपयोग रोकने के लिए खाद्य विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में जहां गैस एंजेंसियों के कमर्शियल सिलिंडर बिकने कम हो गए हैं। भले ही खाद्य विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर अपनी पीठ थपथपाई जा रही हो, लेकिन स्थिति यह है कि पिछले कई महीने से खाद्य विभाग ने किसी होटल और ढाबे पर कार्रवाई नहीं कीे। ऐसे में होटल और ढाबा स्वामी खुलेआम घरेलू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हित में बनाए गए नियमों को दरकिनार कर शहर में घरेलू गैस सिलेंडर का व्यवासायिक उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसके बाद भी खाद्य विभाग द्वारा इस पर रोक लगाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। शहर के किसी भी होटल, ढाबों, ठेलों, रेस्त्रां और दुकनों में व्यवासायिक के बजाए घरेलू रसोई गैस सिलेंडर लगे हुए नजर आ रहे हैं। यहां बता दें सरकारी व्यवस्था के तहत 5 किलोग्राम एवं 14.2 किलोग्राम वाला गैस सिलेंडर घरेलू उपयोग के लिए है। आमतौर पर 14.2 किलोग्राम वाला सिलेंडर घरों में उपयोग होता है। जबकि 19 किलो वाला गैस सिलेंडर व्यावसाय करने वालों के लिए है।
आपको बता दें कि खाद्य विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी होटलों की जांच से परहेज करते हैं। होटल, ढांवों, रेस्त्रां में सिलेंडर के उपयोग, साफ- सफाई की बात हो या फिर खाद्य सामग्री की जांच यह कभीकभार ही देखने को मिलती है। इसकी वजह से कारोबारियों द्वारा धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही कारोबारी व्यवसायिक सिलेंडरों का उपयोग करना नहीं चाहते हैं। घरेलू गैस का उपयोग होने के कारण गैस की कालाबाजारी करने वाले भी सक्रिय हैं। होटलों में गैस का उपयोग ज्यादा होने के कारण आम उपभोक्ताओं को गैस का सिलेंडर समय पर भी नहीं मिल पा रहे है।
“घरेलू गैस का व्यवसायिक कार्य में इस्तेमाल होना नियम विपरीत है। इसके लिए जिला स्तर से कार्ययोजना बनाई जा रही है। शीघ्र ही अभियान चलाकर इसपर रोक लगाते हुए नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।”
टीआर ठाकुर
जिला खाद्य अधिकारी, बालोद