खाईवाल चला रहा लुकाछिपी से अवैध सट्टे का खेल, चुनौती से निपटने पुलिस प्रशासन हो रहा फेल
अखबारों में बार बार प्रकाशन के बाद भी नही थम रहा अवैध सट्टा कारोबार
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। कहते है कानून के हाथ लंबे होते है। गुनाहगार कोई भी गुनाह कर ले पुलिस के हत्थे चढ़ ही जाता है। किंतु जिस तरह भाजपाई राज में सामाजिक बुराई का जड़ अवैध सट्टा का कारोबार फल फूल रहा है। उसे देखकर अब लगने लगा है कि इस दिशा में पुलिस प्रशासन का हाथ पॉवर के साथ कोई खीच रहा है। जिससे हाथ लंबे होने का दावा बौना साबित होता दिख रहा है।
विदित हो कि अवैध सट्टा का कारोबार इन दिनों डौंडी व दल्ली राजहरा क्षेत्र में डबल पर्ची लेकर तथा खाईवाल द्वारा मोबाईल माध्यम से सट्टा पट्टी लेकर निर्बाध रूप से सट्टा संचालन किया जा रहा है।जिले के डौंडी तहसील में इन दिनों एक का 80 करने के फेर में सटोरिए सक्रिय हैं और सट्टे का खेल लगातार चल रहा है। अखबार में खबर छपी तो खाकी कमीज पर तीन सितारे टंगाए फिरने वाले आका के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से अवैध सट्टे का कारोबार छू मंतर हो जाता है। वही हफ्ता दस दिन बीत जाने के बाद अवैध सट्टा कारोबार पुनः स्थापित हो जाता है जैसे कुछ हुआ ही ना हो। बार बार बंद चालू के फेर में नगर के सट्टे की चाहत में नींदें हराम करने वाले लोग परेशान है। नगर के लोग जो इनका दिखाया सपना संजोए होते है कि वे एक का अस्सी के फेर में जल्द अमीर बन जायेंगे। वही कुछ लोगो ने प्रदेश के मुखिया सहित पुलिस के उच्चाधिकारियों को भी चिट्ठी लिख भेज रखी है कि सट्टे के कारोबार को व्यापार की श्रेणी में लाकर इसे बढ़ावा दिया जाए, जिससे कि आदिवासी क्षेत्र डौंडी के लोगो में उत्साह बना रहे।
बता दें कि यह धंधा ना सिर्फ शहर में बल्कि डौंडी नगर व दल्ली राजहरा शहर से सटे अनेक ग्राम खलारी, पेंड्री, घोटिया, कुसुमकसा, गिधाली और महामाया में अवैध सट्टा का कारोबार धड़ल्ले से बेख़ौफ़ अंजाम दिया जा रहा है। ज्यादातर मामले में वर्दीधारियों की यहां पहुंच ही नहीं बन पा रही है।
यही कारण है कि स्थानीय लोगों की मदद से सट्टे का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। पुलिस द्वारा बार बार यही बताया जाता है कि आजकल मोबाईल अथवा मोबाईल ऐप से सट्टे का कारोबार चल रहा है। लेकिन मुद्दे की बात यह है कि ऑनलाइन सट्टे के कारोबार में होने बाद भी सट्टे में रकम की अदला बदली भी क्या सभी ऑनलाइन ही कर रहे है। सीधी सी बात है, सट्टे का कारोबार नगद में ही चल रहा है। जानकर बताते है कि सट्टे के कारोबार का मुख्य खिलाड़ी दल्ली राजहरा से ही है जिसे राजनीतिक सत्ता का खुला संरक्षण भी प्राप्त है। आपको बता दें कि सट्टा जैसे संगीन अपराध को इन सटोरियों द्वारा भरे समाज में विस्तारपूर्वक चलाया जा रहा है। इससे खासकर युवा वर्ग को बहुत ज्यादा गहरा असर पड़ रहा है जिसके बाद वे इसी अंधेरी गर्त में समा जाते है। वही युवा सट्टे व जुआं जैसे संगीन अपराध में संलिप्त होते जा रहे हैं। लेकिन इस अपराध को रोकने में बालोद जिले की पुलिस खासकर डौंडी और दल्ली राजहरा पुलिस पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। जबकि हकीकत यह है कि सटोरियों के कारनामों को जानने के बाद भी पुलिस के स्थानीय और आला अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।
वही कुछ गुप्त सूत्रों द्वारा बताया गया है और अवैध शराब और अवैध सट्टा कारोबार करने वालों द्वारा सेंटिंग के तहत हर माह एक निश्चित धन राशि संरक्षणकर्ता को दी जाती है जिसके चलते अवैध कारोबारियों को कोई डर अथवा भय नहीं है। जबकि महादेव सट्टा एप में कई करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ वासियों का बर्बाद हुआ है। इस एक के अस्सी के फेर में कई लोगो का घर, जेवर, जमीन, जायदाद तक बिक गए है, क्योकि सट्टे का कारोबार बहुत ही कम समय में अमीर आदमी बनने का सुनहरा सपना दिखाता है। जिससे लोग इस बहकावे में आकर अपनी एक एक पाई इसमें गंवा देते है। सट्टे के चंगुल में पढ़े लिखे युवकों के साथ महिलाए, नाबालिग बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति भी अपनी किस्मत आजमाते हुए देखे जा रहे है,जिन्हे बर्बादी की मकड़जाल खींचते चले जा रहा है। मगर मजाल है कि अवैध सट्टा कारोबार को पूर्णतः सफाया करवाने वाले ही आंख कान मूंद लिए जा रहे है तो कानून नाम की चीज से भला कौन अवैध कारोबारी डरने लगेगा।