पहली बारिश में जलमग्न हुआ राजहरा का विकास
नालियों की सफाई, लाइट की व्यवस्था, एवं स्वच्छता की पोल खोलती दास्तान। नगर पालिका बना ठेकेदारों की सेटिंग का अड्डा।
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका (मात्र वार्डो में) कहलाने वाली दल्ली राजहरा नगर पालिका की दास्तान राजहरा वासियों को देखने को मिल रही है। पहले के सभी नगर पालिका अध्यक्षों के कार्यकाल में ऐसा झमाझम नजारा देखने को नही मिला है। गर्मी से राहत दिलाने राजहरा में झमाझम बारिश के चलते पानी निकासी की अव्यवस्था के कारण जगह-जगह सड़कों पर पानी जमा हो गया है। जगह जगह बच्चो के लिए स्वीमंग पूल बन गया है जिसमे नगर के बच्चे खेल रहे है तथा कागज की नाव चला रहे है।
बता दें कि नालियों से पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों के घरों में पानी भरने लगा है। इस बरसात ने नगर पालिका दल्ली राजहरा की व्यवस्था की पोल खोल दी है। सड़कें नालियों में तब्दील हो गई वही घरों में पानी भर गया है। इस बारिश ने नगर पालिका के दावे को भी धो कर रख दिया है। सड़कों में पानी जमा हो जाने से लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वही लड़कियों की स्कूटी फिसल कर गिर रही है। ऐसा नजारा पहली बारिश में ही देखने को मिल रहा है। मुख्य मार्ग में भी पानी भर गया है, घरों में घुटनों तक पानी भर जाने से नगरवासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। न्यू बस स्टेशन दल्ली राजहरा, आरोग्य हॉस्पिटल जाने की सड़क तालाब बन गई है। ऐसे कई वार्डों में नाली जाम होने के कारण लोग बारिश से प्रभावित हो रहे हैं।
राजहरा नगर पालिका में जगह जगह सड़क किनारे सड़क से ज्यादा ऊंचाई पर कही पेवमेंट टाइल्स तो कही सीमेंटीकरण कर दिया गया है जिससे नगर की ज्यादातर सड़के पानी से भरी हुई है वही नगरवासी अपनी गाड़ियों से फिसलकर जहां वहां गिरकर घायल हो रहे है तो वही नगर की महिलाएं भी अपनी स्कूटी से ही गिर पड़ रही है। बिना कार्ययोजना के लापरवाही पूर्वक कार्य हो अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ अर्जित करवाने की मंशा से किए गए है। जिसमे उस समय के तत्कालीन सीएमओ और इंजीनियरों की भूमिका भी संदिग्ध है। प्रदेश की साय सरकार जल्द से जल्द इस गंभीर मामले पर जांच कमेटी गठित कर राजहरा नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा कर संलिप्त भ्रष्टाचारियों और उनके सहयोगियों को जेल की हवा खिलवाकर एक मिसाल पेश कर सकती है। राजहरा में जबरन और बे-तरतीब लगाई गई पेवमेंट टाइल्स और सीमेंटीकरण के संबंध में नगर पालिका राजहरा में आरटीआई दायर की गई तो उसका भी कोई जवाब नही मिला, फिर प्रथम अपील दायर की गई जिसका भी अभी तक कोई जवाब नही मिला। इससे समझ आता है कि भ्रष्टाचार का मामला कितना गंभीर है।
इस मानसून सीजन में सबसे ज्यादा बारिश का दिन रहा है महज कुछ घंटे की बारिश से नगर पालिका की पोल खोल कर रख दी। नालियों का गंदा पानी सड़क पर आने लगा है। इसी बीच बार-बार लाइट गोल होने एवं गलियों में लाइट की व्यवस्था न होने के कारण आम नागरिकों को गली में चलना मुश्किल हो गया है। वही जहरीले सांप व कीड़े मकोड़ों का डर भी सताने लगा है। नगर पालिका की उचित लाइट व्यवस्था के अभाव में दल्ली राजहरा नगर के वार्डों की गलियों में लंबे समय से लाइट बंद होने की शिकायत के बाद भी नगर पालिका की सुस्त व्यवस्था एवं सामग्री के अभाव की बात कहकर नगर पालिका कर्मचारी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। आखिर नगर पालिका में लगातार लाइट का अभाव का जवाबदार कौन है? लाखों रुपए टैक्स लेकर दल्ली राजहरा नगर के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। कुछ लोगों को कहना है कि नगर पालिका केवल भ्रष्टाचार एवं जेब भरने का अड्डा बन गई है। सेटिंग में टेंडर लेकर नगर पालिका के ठेकेदार मलाई काट रहे हैं एवं जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी कमीशनखोरी से अपना जेब भर रहे हैं। टेंडर से पूर्व ही सामग्रियों का वितरण एवं कार्य को कर बाद में टेंडर प्रक्रिया को पूरा करने में जुटे रहते हैं।
अभी भी नगर पालिका में निविदाएं निकल गई है देखना है कि इस बार की प्रक्रिया में कितनी पारदर्शिता बरती जाती है। नाम न छापने की शर्त पर एक नगर पालिका में कार्यरत एक कर्मचारी द्वारा बताया गया कि कुछ वार्डों के कार्य को निविदा होने के पूर्व ही कराया जा चुका है अब देखना है कि उन कार्यों की किस तरह लीपा पोती की जाती है। आधिकारिक दस्तावेजों में कितनी लीपा पोती होती है ये इन वार्डो के कार्यों से स्पष्ट हो सकेगा। सत्ता पक्ष में रहते हुए नगर पालिका के जनप्रतिनिधि जमकर बंदर बांट कर रहे हैं अब सत्ता परिवर्तन के बाद अधिकारी भी उनकी मिली भगत में कितना साथ देते हैं यह आने वाला समय ही बता पाएगा।