जानें कब होगा, दल्ली राजहरा में बहुड़ा यात्रा का आयोजन
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के दल्ली राजहरा में उत्कल समाज दल्ली राजहरा एवं भगवान जगन्नाथ सेवा समिति के द्वारा समस्त समाज, धार्मिक संगठनों, श्रम संगठनों और राजहरा वासियों के सहयोग से दिनांक 7 जुलाई आषाढ़ शुक्ल द्वितीय को महाप्रभु की विशाल रथ यात्रा का आयोजन किया गया था। एक मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्णा के अवतार के रूप में भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम के साथ अपनी बहन सुभद्रा को नगर घूमाने के लिए ले जाते हैं। जिसमें एक सप्ताह अपने मौसी गुंडिचा के घर रुकने के बाद अपने घर वापसी होती है। प्रभु सात दिनों तक अपनी मौसी के यहां रहते हैं। रथों की वापसी की इस यात्रा की रस्म को बहुड़ा यात्रा कहते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, भगवान जगन्नाथ भगवान विष्णु के अवतार हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ के साथ ही उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का रथ भी शामिल होता है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होने से 100 यज्ञ के बराबर पुण्य फल प्राप्त होने की मान्यता है। कहते हैं कि इस यात्रा में शामिल होने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है और शुभता बढ़ती है।
इसी मान्यता के तहत सोमवार 15 जुलाई को भगवान जगन्नाथ भाई, बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंडप से भगवान जगन्नाथ, मंदिर प्रस्तावित स्थल जलाराम मंदिर के पास से अपने गंतव्य स्थल गर्भ गृह उत्कल समिति के लिए भव्यता के साथ प्रस्थान करेंगे। उत्कल समाज की ओर से स्थानीय भाषा में इसे बहुड़ा रथ यात्रा (भगवान की घर वापसी) कहा जाता है।
यह रथ यात्रा अपनी भव्यता के साथ गुंडिचा प्रांगण से राम मंदिर होते हुए थाना चौक, श्रमवीर चौक, बस स्टेशन चौक, गुप्ता चौक, जैन भवन चौक होते हुए उत्कल समिति स्थित गर्भ गृह में भगवान की पुनः स्थापना होगी। भगवान जगन्नाथ सेवा समिति और उत्कल समाज की ओर से इस भव्य कार्यक्रम बहुड़ा रथ यात्रा में समस्त दल्ली राजहरा वासियो को आमंत्रित किया गया है।
इस कार्यक्रम के तहत दोपहर 11:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक विशाल महाभोग (भंडारा ) का आयोजन किया गया है। भगवान जगन्नाथ सेवा समिति और उत्कल समाज की ओर से गुंडिचा मंडप में प्रतिदिन भगवान की स्तुति भजन संध्या के साथ आठ दिनों से चले आ रही रथ यात्रा का इस तरह समापन होगा।