बालोद

बालोद नगर पालिका परिषद को दिया जाए ग्राम पंचायत का दर्जा?…

हिंद सेना के प्रदेश मुख्य संयोजक हिंद सेना तरुण नाथ योगी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। बालोद शहर में हो रही लगातार अघोषित बिजली कटौती और नगर पालिका नल से गंदा पानी की सप्लाई, नालियों की सफाई नहीं होने, एवं शहर में साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देना, शीतला मंदिर से लेकर विनय टॉकीज तक डेढ़ किलोमीटर तक सड़क की स्थिति खराब है, शहर के अंदर विद्युत तारों की विगत 25 से 30 वर्षों से मकड़जाल है जिसे अभी तक सुधारा नहीं गया है। उन्होंने कहा कि यहां नाममात्र के नगर पालिका है यहाँ सुविधा कुछ भी नहीं है और सुविधाओं के नाम पर टैक्स वसूला जा रहा है। चौक-चौराहों में पशुओं का डेरा लगा रहता है जिससे कि आए दिन दुर्घटनाएं होते ही रहती है। बालोद शहर में कोई सरकारी आफिस है और ना ही कोई बड़ी उद्योग व व्यवसाय है जिससे कि शहरवासियों को रोजगार, व्यवसाय करने में बहुत कठिनाई होती है शहर से अन्यत्र रोजगार, व्यवसाय के लिए जाने में मजबूर हैं।

एक ओर शहर के लोग बालोद को नगर निगम बनाने की मांग कर रहे है वही नगर पालिका की लापरवाही और संवेदनहीनता की वजह से हाल ये हो गया कि अब शहर को ग्राम पंचायत का दर्जा मिलना चाहिए। जबकि आयुक्त संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास छत्तीसगढ़ रायपुर ने 2 दिसंबर 2011 को नगर पालिका को पत्र भेजा था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि आसपास के ऐसे क्षेत्र जिन्हें भौगोलिक दृष्टि से निकाय सीमा में शामिल किया जा सके, इस पर प्रस्ताव भेजें।

उस समय के तत्कालीन नपाध्यक्ष लीला लाले शर्मा व अन्य की सहमति से प्रस्ताव पारित किया गया। जिसके बाद बालोद नगर पालिका की ओर से 18 जनवरी 2012 को राजस्व विभाग तहसीलदार को नगरीय निकाय क्षेत्र के 6 किलोमीटर सीमा के अंदर आने वाले ग्रामों को चिन्हांकित कर शासन के पत्र अनुसार कृषि क्षेत्र शामिल कर नक्शा, खसरा देने की मांग की गई थी। लेकिन वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष की लचर कार्यप्रणाली के चलते बालोद शहर का बुरा हाल है। यहां सुविधाओ की कमी है।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!