बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण के बीच रामा उद्योग के विस्तार की जनसुनवाई आज 9 जुलाई को
ग्रामीणों का मत पहले प्रदूषण पर लगे अंकुश, प्रबन्धन ने कहा विस्तार से घटेगा प्रदूषण

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
रायपुर/बालोद। एक तरफ जहां बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण से जनता हलाकान है तो वही दूसरी ओर इस बढ़ते प्रदूषण के बीच मंगलवार को सुबह 11 बजे से रामा उद्योग के विस्तार की जनसुनवाई की तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं इस संबन्ध में ग्रामीणों का जहां यह मत है, कि पहले बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगे। तो वही फेक्ट्री प्रबन्धन का कहना है, कि विस्तार से प्रदूषण घटेगा ओर रोजगार बढ़ेंगे।
रामा उद्योग के विस्तार की यह जनसुनवाई मंगलवार को सुबह 11 बजे से सीएसआईडीसी कार्यालय परिसर सिलतरा फेस टू में होना है। फेक्ट्री प्रबन्धन द्वारा इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हालांकि औद्योगिक प्रदूषण झेल रहे अधिकांश गांवो में ग्रामीणों को इस जनसुनवाई की एक दिन पहले तक कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि अधिकांश जगह मुनादी भी नहीं हुई है। बाबजूद इसके जिन ग्रामीणों को कहीं से जानकारी मिली उन्होंने बढ़ते प्रदूषण को लेकर जनसुनवाई में शांतिपूर्ण ढंग से अपना पक्ष रखने का निर्णय लिया है।
इंटुक के ब्लाक अध्यक्ष दुर्गा बंजारे ओर स्थानीय ग्रामीण अमरदास टण्डन का कहना है कि उद्योगों का विस्तार हो इसमें कोई परेशानी नहीं, किसी को कोई आपत्ति नहीं। लेकिन ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां बिना ईएसपी यंत्र के प्लांट चलाते हैं और रात रातभर अपनी फेक्ट्रियो की चिमनियों से भारी मात्रा में जहरीला धुंआ छोड़ते हैं। जो सांकरा, सिलतरा, मुरेठी, मांढर, निमोरा आदि आसपास के गांवो के घरों तक पहुचता है। तालाबो के पानी के ऊपर काली परत जमा हो जाती है। सुबह ग्रामीण जब तालाबो में नहाते हैं तो प्रदूषण से अक्सर शरीर में खुजली भी चलती है।
पर्यावरण संरक्षण मण्डल में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए शिकायत करने पर भी कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं होती। ऐंसे में बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण पर अंकुश लगाने के पहले फेक्ट्री के विस्तार की जनसुनवाई करना उचित नहीं। अब चूंकि जनसुनवाई हो ही रही है तो वह शांतिपूर्ण ढंग से अपना पक्ष रखेंगे और प्रदूषण पर प्रभावी अंकुश की मांग रखेंगे।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र के फेस वन में मांढर टाढा मार्ग पर आईओसी प्लांट के समीप स्थित कुछ औद्योगिक इकाइयों की चिमनियों से भारी मात्रा में जहरीला धुंआ निकलने से न सिर्फ सिलतरा, बल्कि आसपास के गांवो के लोग भी हलाकान हैं। पर्यावरण संरक्षण मण्डल ऐंसे उद्योगों पर प्रभावी कार्यवाही करें।