क्या? राजहरा पुलिस अपने ही थाने में पदस्थ आरक्षक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करेगी
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिस खाकी के ऊपर समाज की सुरक्षा का जिम्मा होता है अब उसी खाकी के ऊपर गंभीर आरोप भी लगने लगे है। क्या राजहरा पुलिस अपने ही थाने में पदस्थ आरक्षक के खिलाफ मारपीट, गाली-ग्लोच और जान से मारने की धमकी को लेकर प्रकरण दर्ज करेगी या नही? देशभर में 1 जुलाई रात 12:00 बजे से अंग्रेजी हुकूमत के जमाने के तमाम कानून बदलकर देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए नए कानून की व्यवस्था की गई। लेकिन नए कानून अभी तक ठीक से पुलिस ने भी नहीं समझे होंगे। अब देखना यह है कि पुलिसिया रौब झाड़ते हुए जातिगत गाली गलौच और मारपीट करने वाले सिपाही पर पुलिस क्या कार्यवाही करती है। सूत्र बताते है कि नगर के कुछ छुटभय्ये नेताओ का संरक्षण भी आरक्षक को प्राप्त है जिनके दम पर आरक्षक नियम विरुद्ध कार्य कर अपनी वर्दी पर कालिख पोत रहा है।
भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के दल्ली राजहरा नगर अध्यक्ष चन्द्रकान्त चोपड़े ने अपने साथ हुई जाति सूचक गाली गलौच और मारपीट के सम्बन्ध में राजहरा थाने में दिनांक 29 अप्रेल 2024 को रिपोर्ट दर्ज करवानी चाही तो रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। वहां मौजूद आरक्षक रवि निर्मालकर ने प्रार्थी को थाने से गाली गलौच व मारपीट कर भगा दिया। जिसके बाद दोबारा दिनांक 30 अप्रेल 2024 को रिपोर्ट दर्ज करवाना चाहा तो आरक्षक रवि निर्मालकर ने ताबड़तोड़ थप्पड़ जड़ कर थाने से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद चन्द्रकान्त चोपड़े ने इसकी शिकायत लिखित में राजहरा थाना प्रभारी को दी और दिनांक 02 मई 2024 को बालोद पुलिस अधीक्षक को भी दी है।
छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग द्वारा कोई कार्यवाही ना होने की स्थिति में चन्द्रकान्त चोपड़े (बंटी) ने इस संबंध में हमारे संवाददाता को जानकारी दी। सीधी सी बात है कि मामला मारपीट व अश्लील गाली गलौच का जो भी हो पुलिस को अपनी जिम्मेदारी से मुंह नही मोड़ना चाहिए। प्रार्थी की शिकायत पर तत्काल रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए। जिसके बाद सच और झूठ का निर्णय माननीय न्यायालय के हाथ में है। राजहरा पुलिस के आरक्षक द्वारा अशोभनीय गुंडागर्दी की गई जो विधिसम्मत नही है। उनके द्वारा अपने पद का दुरुपयोग किया जाना सही नही है। पुलिस विभाग द्वारा सर्वप्रथम रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए और विवेचना कर कार्यवाही आगे बढ़ानी चाहिए।
प्रार्थी चन्द्रकान्त चोपड़े जो भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के दल्ली राजहरा नगर अध्यक्ष भी है उन्होंने विस्तार से हमे बताया कि उन्होंने पहले राजहरा थाना प्रभारी को लिखित आवेदन दिया जिसमे उन्होंने बताया कि वे चंद्रकांत चोपड़े पिता केएल चोपडे, निवासी शांति नगर, दल्ली राज्यारा, जिला बालोद के निवासी है। दिनांक 29 अप्रैल 2004 को शाम 05:00 बजे जैन भवन चौक से माइंस आफिस सड़क की बोर अपने निजी वाहन स्कुटी क्रमांक सीजी 07 एएन 1082 से जा रहा था, तभी पटेल कॉलोनी के सामने एक सफेद रंग की डिजायर कार वाहन जो की तेज गति से उनके वाहन के सामने आ गया और उनके वाहन को टक्कर मार दिया। उन्होंने बताया कि उक्त वाहन चालक, वाहन से उतरकर चन्द्रकान्त चोपड़े के साथ माँ-बहन की गाली-गलौज किया और गाड़ी चलाने नहीं आता है ऐसा कहकर मुझे जान से मारने की धमकी देते हुये मुझे मारने के लिये दौडा तभी उन्होंने भागकर पास के ही दुकान के अन्दर घुस गए।
उन्होंने बताया कि मेरे साथ हुई उक्त घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाने में थाना राजहरा में दिनांक 29 अप्रैल 2024 को रात्री लगभग 12:00 बजे गया तो वहां मौजूद आरक्षक रवि निर्मलकर ने अजय यादव को पहले से ही थाना में लेकर आ गया था। रवि निर्मलकर ने मुझे थाना के अन्दर घुसने नहीं दिया और मेरे वाहन अर्टिगा कार वाहन क. सीजी 24 एफ 7405 की चाबी को जबर्दस्ती निकालकर रख लिया और मेरे हाथ को मरोड़कर मुझे थप्पड़ मारते हुये बोला “मैं तुम्हे झूठे केस में फंसाकर जेल भेज दूंगा, और अश्लील गालीयों का प्रयोग करते हुए मुझे जातिगत गाली (चमरा, नीच जाति का देते हुए) मुझे चल भाग यहां से साले के ऐसाकरते हुए डराया इसके बाद में डरकर घर चला गया।
मैं पुनः दिनांक 30 अप्रैल 2024 को सुबह 11:00 से 12:00 बजे के मध्य जब मैं थाना आया तो थाना के वाहन स्टैण्ड के पास ही जब मैं अपनी वाहन को रख रहा था तभी रवि निर्मलकर भाग कर मेरे पास आया और मुझे लगातार 10-12 थप्पड़ मारते हुए मुझे थाना कैम्पस के बाहर निकाल दिया, अश्लील गालीयां दिया। इस घटना से मैं काफी डरा हुआ हूं थाना में न ही मेरा रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। जिसके बाद दिनांक 02 मई 2024 को बालोद पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी लिखित शिकायती आवेदन दिया गया। आज पूरे दो माह बीत चुके है लेकिन पुलिस विभाग की ओर से कोई कार्यवाही ना होना समझ से परे है। ना ही अजय यादव के खिलाफ कोई कार्यवाही हुई और ना ही आरक्षी केंद्र के आरक्षक रवि निर्मलकर के विरुद्ध कोई कार्यवाही हुई।
राजहरा थाने के आरक्षक की दबंगई
ड्यूटी के दौरान प्रार्थी के साथ हुज्जत बाजी गाली गलौच और मारपीट से पुलिस की वर्दी पर कालिख पुत रही है जिसमे जिम्मेदार भी आंख मूंदे हुए है। दिनांक 29 अप्रैल 2024 को हुई मारपीट व गाली गलौच की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई फिर 30 अप्रैल 2024 को भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। जिसके बाद 02 अप्रेल 2024 को बालोद एसपी को भी आवेदन किया गया जिसका कागज भी वही कही फाइलों में दबा धूल खा रहा है। आरक्षक के विरुद्ध कार्रवाई करने किसके हाथ पैर कांप रहे हैं।
“पुलिस थाने के अंदर का विवादित मामला होने के कारण मामले को उच्चाधिकारी, नगर पुलिस अधीक्षक को जांच के लिए सौंप दिया गया है, जिसके बाद उचित कार्यवाही की जाएगी।”
सुनील तिर्की
थाना प्रभारी, राजहरा
“राजहरा थाना प्रभारी को कार्यवाही के लिए बात हुई है। पुलिस विभाग का कर्मचारी है इसलिए उनको खुली छूट नही है कि वे कानून का उल्लंघन करे।”
राकेश द्विवेदी
भाजपा मंडल अध्यक्ष, राजहरा