फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के दल्ली राजहरा शहर के अंदर सड़क और नाली-नालों पर अतिक्रमण कर कब्जा करने वालों पर नगर पालिका राजहरा पर कोई सख्त कार्यवाही नही कर रही है। जबकि कब्जे को हटाने के लिए बिना किसी सूचना के तोड़ा जाना चाहिए और एफआईआर भी दर्ज होनी चाहिए। कब्जे के ऐसे मामलों की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भी राजहरा नगर पालिका के जिम्मेदार अपने चहेतों के नखरे बड़े चाव से सह रहे है। छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा सभी नगर पालिका, नगर पंचायत तथा नगर निगम को सख्त निर्देश दिए हुए है कि अवैध रूप से निर्माण कार्य को बिना देरी ध्वस्त किया जाए तथा जल्द से जल्द इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश है।
खास बात यह है कि राजहरा नगर पालिका कार्यलय के बगल में ही नाले में ही पत्थर, बोल्डर को भरकर सड़क किनारे अवैध रूप से दुकान का निर्माण किया जा रहा है। शहर में ज्यादातर प्राइम लोकेशन में अवैध रूप से जगह कब्जाने की होड़ लगी हुई है। इन सब अवैध निर्माण में नगर पालिका अध्यक्ष शिबू नायर की मौन सहमति है। वे इस विषय पर बोलने को तैयार ही नहीं है। शहर में चर्चा आम है कि छोटी सी दारू मुर्गा पार्टी के बहाने उनसे कोई भी गैर जरूरी कार्य करवाया जा सकता है।
उनके चहेतो ने शहर के हजारों फीट जगह पर कब्जा कर अवैध निर्माण कर बकायदा नगर पालिका में टैक्स रसीद की पावती भी फडवा ली है। सीधी सी पुरानी कहावत है “सैंया भए कोतवाल तो फिर डर काहे का”। वार्ड क्रमांक 04 एकलव्य नगर वार्ड के वार्डवासियो अनुप कुमार सोनवानी, नदीम, शत्रुघन निर्मलकर, इन्दल, दीपक कुमार, गणेश व रत्न ने दिनांक 10 जून 2024 को सामूहिक रूप से नगर पालिका मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी लिखित शिकायत दर्ज करवाई है कि नगर पालिका कार्यालय के बाजू में मुख्य नाला में पुलिया के बाजू में बोल्डर जोड़ाई कर कालम खड़ा करके सुनील कुमार पारकर द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा है। जिसे तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए अतिक्रमण को रोकने का कष्ट करें। शहर के बीचो बीच बहने वाली बाहरमासी नाला में पुलिया के बाजू में इस प्रकार से बोल्डर जोड़ाई कर व गुरूम पाट कर नाला पर अतिक्रमण करने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे यदि निर्माण पूर्ण हो जाता है तो बरसात में पानी का बहाव तेज होने पर नाला किनारे बसे वार्ड क्रमांक 4 के लाईन से 5 घर पानी के बहाव में कट कर बह जाने का खतरा है। वार्ड वासियों ने मांग की है कि तत्काल प्रभाव से उक्त अवैध निर्माण कार्य को रोककर दीवाल को तोड़वाने का कष्ट किया जाए।
इस क्रम में साल दर साल शहर के प्रमुख बडे बरसाती नालों की चौड़ाई कम होती जा रही हैं। एक तरफ नाले से लगी रहवासी इलाको में नाले के किनारे लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है। हर कोई अपने हिसाब और सुविधा से नाले पर अवेध कब्जा करने में लगा है। शहर की इस नाले से लेकर चिखलाकसा तक जगह जगह नाले के किनारे अतिक्रमण तेजी से पसर रहा है। गौरतलब है एक तरफ सरकार और जिला प्रशासन जिले में जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए अभियान छेड़ रखी है वही नदी, नाले, कुएं, तालाब, आदि की सफाई के लिए तरह तरह के जतन कर रही है वहीं दूसरी और रसूखदार नाले की जमीन पर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर रहे है।
खास बात यह है कि वार्ड क्रमांक 04 में अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाला व्यक्ति सुनील पारकर, वार्ड क्रमांक 04, पार्षद श्रीमती प्रमिला पारकर के पति है। नाले की जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर इस क्षेत्र लोगों में आक्रोश पनप रहा है। बताया जा रहा है कि नगर पालिका परिषद द्वारा कार्यवाही ना होने पर अतिक्रमण को लेकर जागरुक लोग शीघ्र ही बालोद कलेक्टर को ज्ञापन देंगे और अवैध निर्माण को रोकने की मांग करेंगे।
शहर के जानकार तथा जागरूक लोगो का कहना है कि सरकारी नाली एक सार्वजनिक संपत्ति है और किसी व्यक्ति को उस पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है। इस तरह के कब्जे को अतिक्रमण कहा जाता है और यह भारतीय दंड संहिता की धारा 447 के तहत एक अपराध है। इस धारा के तहत, अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति को तीन महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकता है। सड़कों पर अतिक्रमण के साथ ही गली-मोहल्ले में नाली-नालों के ऊपर निर्माण किए जा रहे हैं। शिकायत के बाद स्थानीय निकायों की तरफ से राजनीतिक दबाव या अन्य दूसरे कारणों से ऐसे कब्जे नहीं हटाए जाते हैं। दिखावे के लिए कभी छोटी-मोटी कार्रवाई की जाती है। अब कब्जाधारी को नोटिस दिए बिना भी उसके अतिक्रमण को हटाया जा सकता है। निर्देश में साफ किया गया है कि यदि कोई कब्जा किसी सड़क, खुले नाले या नाली या ऐसे स्थान पर है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही हो तो ऐसे अतिक्रमण को पालिका अमला के द्वारा कब्जेधारी को सूचना देने की जरूरत ही नहीं है, कब्जा को गिरा सकते हैं।
वार्ड वासियों द्वारा दिनांक 10 जून 2024 को नगर पालिका परिषद राजहरा में लिखित शिकायत करने के बाद सप्ताह भर से ज्यादा का समय बीत गया है फिर भी नगर पालिका के जिम्मेदारों के कान में जूं नहीं रेंग रही है। जिसके बाद अतिक्रमणकर्ता ने यहां नाले के किनारे सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। वहीं दूसरी और प्रशासन यहां पर आकर देखने तक को तैयार नहीं है। नाले को संकरा कर उस पर पक्का अतिक्रमण कर रहें हैं। नगरपालिका ने अभी तक यहां की सुध नहीं ली है। बारिश के दिनों में नाले के प्रवाह में परेशानी होगी। एक दशक पहले छोटी नदी की तरह 12 महीने पानी से भरे रहने वाले इन नाले की अच्छी चौड़ाई हुआ करती थी। परन्तु प्रशासन की लापरवाही और अतिक्रमणकारियो के चलते कभी न खत्म होने वाले लालच की वजह से अवैध कब्जों की भेंट चढऩे लगा है। अगर जल्द ही बडे नाले से अवैध कब्जे नही हटाये गए तो आने वाले समय मे न केवल नाले का अस्तित्व संकटग्रस्त हो जाएगा।
“यदि कोई नाला पर अतिक्रमण कर रहा है तो पूरी तरह अवैध है और नियम विरुद्ध है। जेसीबी से सारा अतिक्रमण जल्द ही ध्वस्त कर कार्रवाई की जाएगी।”
– रमाकांत साहू, सीएमओ, नगर पालिका, राजहरा