आयोजन को लेकर आदिवासी समाज में मतभेद, आयोजन में स्थानीय संगठन नही ले रहे है भाग
दिनांक 14 जून 2024 को मानपुर में सर्व आदिवासी समाज द्वारा आयोजित जेल भरो आंदोलन के लिए प्रशासन ने नही दी अनुमति
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद/मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी। सोशल मीडिया में एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमे सर्व आदिवासी समाज जिला मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी की बैठक में निर्णय लिया गया कि दिनांक 14 जून को मानपूर में जेल भरो आंदोलन में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया गया है। सर्व आदिवासी के द्वारा अपने समाज के विभिन्न मांगों को लेकर कल शुक्रवार 14 जून को मोहला-मानपुर एवं अंबागढ़ चौकी जिले के विकासखण्ड मुख्यालय मानपुर के गोण्डवाना भवन परिसर में आयोजित जेल भरो आंदोलन के लिए प्रशासन के द्वारा अनुमति नही मिलने की जानकारी दी जा रही है।
प्रदेश में सर्व आदिवासी समाज का गठन नहीं हुआ था तब से मोहला मानपूर अंबागढ़ चौकी आदिवासी समाज का संगठन है जो आदिवासी हित के अलावा क्षेत्र के जनहित के विषयों को लेकर लड़ते आये हैं और जीत भी मिली है मोहला-मानपूर अंबागढ़ चौकी का समाज लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ना जानती है किसी बाहरी नेताओं को क्षेत्र अस्वीकार्य करता है यहां की जनता स्थानीय नेतृत्व स्वीकारती है स्थानीय शराब भट्टी बंद कराने की मांग, मोहला-मानपूर अंबागढ़ चौकी जिला निर्माण की मांग, अधुरा बांध पूरा कराने की मांग, फर्जी जमीन खरीदी बिक्री पर रोक लगाने की मांग, जिन पर जनता ने जीत भी हासिल की है। संगठन, देश व प्रदेश के जनजातीय हितों पर आंदोलन करते आया है और आगे भी क्षेत्र हित में लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करते रहेगा। लेकिन बाहर से आकर स्थानीय टीम, स्थानीय समाज प्रमुखों को विश्वास में लिये बगैर कोई भी आंदोलन का हम विरोध करेंगे।
इसलिए दिनांक 14 जून के जेल भरो आंदोलन में शामिल नहीं होने सर्व आदिवासी समाज जिला मोहला मानपूर अंबागढ़ चौकी ने निर्णय लिया है। ताकि क्षेत्र में किसी भी तरीके से अनहोनी न हो व शांतिप्रिय क्षेत्र सुरक्षित व संगठित रहे। आपको बता दें कि यही सर्व आदिवासी समाज की टीम थी जो श्रवण कोर्राम धोबेदंड मोहला की दलालों द्वारा अवैध तरीके से जमीन हड़पने को लेकर लगातार उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा व कलेक्टर और पुलिस अधिक्षक मोहला से मिलकर दबाव बनाए। नतीजा यह हुआ कि जमीन दलालों को जेल भेजा गया है।
बलौदा बाजार की आग अभी बलौदा बाजार में लगी आग शांत हुई भी नहीं है, जहां उग्र आंदोलित भीड़ ने कलेक्ट व पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आग लगा कर उन्माद फैलाया। वही दूसरी ओर कल होने वाले जेल भरो आंदोलन में भी इस तरीके की भीड़ कि उग्रता देखने को मिल सकती है, चुकी आदिवासियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों पर जिले में बाहर से आंदोलन करने आदिवासी व अन्य संगठन पहुंच रहे हैं वही दूसरी ओर स्थानीय आदिवासी संगठनों को इसकी सूचना नही दी गई है। दूसरी ओर लोगो में चर्चा है कि आदिवासियों को सामने में रख कर बाहरी लोग अपना फायदा लेने की कोशिश कर रहे है। कही यह स्थानीय आदिवासी समाज को बदनाम करने की साजिस तो नही है?
आपको बता दे की जिला मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी आदिवासी बहुल क्षेत्र है जहां भोले भाले आदिवासी निवासरत है जिन्हे आसानी से बरगलाया जा सकता है, जिनके आड़ में कार्यक्रम हो रहा है अगर किसी भी तरीके से क्षेत्र में बलौदा बाजार वाली स्थिति बनती है, तो ये क्षेत्र उसे नही झेल पाएगा व आदिवासी, विकास से कोसो दूर व उन्हे अत्यधिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
हमने इस संबंध में जिला प्रशासन से कार्यक्रम की अनुमति लेने के बारे में पूछा तो बताया गया कि इस कार्यक्रम को लेकर स्थानीय जिला प्रशासन ने इनको किसी भी प्रकार की अनुमति नही दी है। इसके अलावा इस आयोजन को लेकर आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों के बीच मतभेद होने से आदिवासी समाज के अनेक संगठन के लोग इस आयोजन से दूरी बनाए हुए हैं। विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि इस आयोजन में स्थानीय संगठन की कोई भागीदारी नही होने से वे इस कार्यक्रम में शामिल नही हो रहे है।