बालोद जिले में ‘संगवारी गुरूजी’ हेतु आवेदन 01 अगस्त तक, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रशासन की नई पहल

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और चयनित स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए बालोद जिला प्रशासन ने एक अभिनव पहल की है। ‘संगवारी गुरूजी’ योजना के तहत जिले के विभिन्न प्राथमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी शालाओं में विशेष रूप से उन स्कूलों में, जहां विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, परन्तु शिक्षकों की संख्या कम है, इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। यह निर्णय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिया गया है।
बालोद जिले की शासकीय उच्च और उच्चतर माध्यमिक शालाओं के साथ आदिवासी बहुल डौण्डी क्षेत्र के प्राथमिक शालाओं में विद्यार्थियों की संख्या भले ही अधिक हो, लेकिन शिक्षकों की सीमित उपलब्धता बच्चों की पढ़ाई को बाधित कर सकती है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने ‘संगवारी गुरूजी’ के रूप में एक वैकल्पिक समाधान तैयार किया है।
इस योजना के अंतर्गत चिन्हित शालाओं में शिक्षकों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए स्थानीय स्तर पर उपयुक्त और इच्छुक उम्मीदवारों का चयन कर उन्हें ‘संगवारी गुरूजी’ के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। यह व्यवस्था शिक्षा की गुणवत्ता और सुचारू संचालन के लिहाज़ से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले ने जानकारी देते हुए बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी 01 अगस्त 2025 को शाम 4 बजे तक संबंधित विद्यालय के संस्था प्रमुख के पास अपना आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन जमा करने के लिए चयनित शालाओं की सूची और विस्तृत दिशा-निर्देश जिले की आधिकारिक वेबसाइट www.balod.gov.in पर तथा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय केंद्र के नोटिस बोर्ड एवं विकासखंड शिक्षाधिकारी कार्यालय के सूचना पटल पर उपलब्ध कराए गए हैं।
‘संगवारी गुरूजी’ पद के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल रखी गई है, ताकि अधिक से अधिक योग्य और इच्छुक अभ्यर्थी इस अवसर का लाभ उठा सकें। चयनित ‘संगवारी गुरूजी’ से न केवल अध्यापन कार्य में मदद मिलेगी, बल्कि ग्रामीण और दुर्गम इलाकों के बच्चों को लगेगा कि उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रशासन निरंतर प्रयासरत है।
इस पहल से न केवल विद्यालयों के संचालन में सुगमता आएगी बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। जिला प्रशासन की इस पहल से जिले के दूरस्थ और वनांचल क्षेत्रों के विद्यार्थियों को पढ़ाई में बराबरी का अवसर मिलेगा और शालाओं में लर्निंग गैप को भी पाटा जा सकेगा।
बालोद प्रशासन की ‘संगवारी गुरूजी’ योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक नवाचार है, जो छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्रीय भूमिका निभाएगी।