बालोद

फिल्मी कलाकार पर होता रहा जानलेवा हमला, राजहरा पुलिस बनी रही तमाशबीन

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के दल्ली राजहरा शहर में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठे हैं, जब शहर के प्रतिष्ठित नागरिक सुरेश आनंद दासानी पर उनके घर के सामने और फव्वारा चौक पर छह लोगों ने जानलेवा हमला किया। इस घटना के दौरान राजहरा पुलिस के दो वर्दीधारी जवान मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने हस्तक्षेप करने के बजाय मूकदर्शक बने रहना उचित समझा। जो पुलिस विभाग के लिए बेहद शर्मनाक है। शहर के लोगो का कहना है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर देना चाहिए।

बालोद जिले सहित देश प्रदेश में फिल्मों में अपनी जानदार छवि बना चुके सुरेश आनंद दासानी की गुहार भी बालोद जिले की पुलिस अनसुना कर दे रही है। मामला यह है कि बालोद जिले के शहर दल्ली राजहरा निवासी सुरेश आनंद दासानी ने बताया कि उनके द्वारा सिंधी समाज के व्हाट्सएप ग्रुप में समाज के मामले में राय देने से ही सिंधी समाज के कुछ लोग आग बबूला हो गए जबकि उन्होंने किसी व्यक्ति विशेष का नाम ही नहीं लिया था। बावजूद इसके एक ही परिवार के 6 लोगों ने सुरेश आनंद दासानी के फव्वारा चौक, नया बस स्टैण्ड स्थित घर के सामने सड़क पर ही उन्हें लात घूंसो से बुरी तरह पीट दिया। सबसे शर्मनाक तो यह रहा कि एक असहाय व्यक्ति को छह लोग मिलकर पीट रहे थे, सामने राजहरा पुलिस के कारिंदे खड़े चुपचाप तमाशा देख रहे थे।

                  समाजसेवी तथा कलाकार सुरेश आनंद दासानी

आपको बता दे कि सिंधी समाज के व्हाट्सएप ग्रुप में समाज के लोगों को जानकारी, कमी व सलाह देना भी कुछ लोगों को दुश्वार गुजर जाएगा ये किसी ने सोचा भी नहीं था। आपको बता दे कि सुरेश आनंद दासानी ने समाज के कार्यक्रम में कुछ लोगों के द्वारा की जा रही गलत हरकतों के संबंध में सवाल खड़े किए थे। किंतु सिंधी समाज के किसी भी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लिया था बावजूद इसके दल्ली राजहरा के गांधी चौक निवासी तथा एक ही परिवार के गोपाल लालवानी, विशाल लालवानी, पूरण लालवानी, सागर लालवानी, जय लालवानी तथा नितिन लुल्ला ने मिलकर शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति सुरेश आनंद दासानी को सड़क पर 31 मार्च 2025 की आधी रात को जान से मारने की कोशिश करते हुए बुरी तरह पीटा। जबकि पहले ही गांधी चौक निवासी नितिन लुल्ला ने लगभग 12:30 बजे फोन पर सुरेश आनंद दासानी को मां की अश्लील गाली देते हुए कहा कि तू घर से बाहर निकल, मैं आ रहा हूं, आज तुझे जान से मार डालूंगा और नहीं निकला तो तेरे घर में घुसकर मारेंगे ऐसा कहकर गाली गलौच करने लगा। जिसके बाद सुरेश आनंद दासानी ने भयभीत हो गए व अपनी सुरक्षा के लिए राजहरा थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी को फोन कर घटना की जानकारी दी और उनसे सुरक्षा की मांग की। वही थाने से दो पुलिस वाले प्रधान आरक्षक संतोष शर्मा व शमशेर अली वहां पहुंचे थे। पुलिस की उपस्थिति पर ही सुरेश आनंद दासानी बातचीत करने अपने घर से बाहर निकले। लेकिन सभी ने एक राय होकर राजहरा पुलिस के सामने ही सुरेश आनंद दासानी पर अश्लील गाली गलौच करते हुए प्राणघातक हमला कर दिया। वही दोनों पुलिस वाले चुपचाप सारा तमाशा देखते रहे। ये सारा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में भी रिकॉर्ड हो चुका है। इससे पुलिस की निष्क्रियता और पक्षपातपूर्ण रवैये पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

                                  हमलावर गोपाल लालवानी

आप अंदाजा लगा सकते है कि छत्तीसगढ़ पुलिस का यह रूप देख लोग पुलिस की वर्दी पर खखार कर थूक रहे है जो पुलिस की छवि पर एक और काले दाग की नई इबारत लिख रही है। वही घटना की शिकायत दूसरे दिन 01 अप्रैल 2028 को राजहरा थाने में की गई लेकिन राजहरा पुलिस के जिम्मेदार कहे जाने वाले थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी द्वारा जानबूझकर धाराओं में कटौती करते हुए केवल चार धाराओं में ही बड़ी मुश्किल से अपराध दर्ज किया। आपको बता दें कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 191(2), 296, 351(2) तथा 115(2) में गोपाल लालवानी, विशाल लालवानी, पूरण लालवानी, सागर लालवानी, जय लालवानी तथा नितिन लुल्ला के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया।

                    घटना के समय दो पुलिसकर्मी तमाशा देखते हुए

सबसे शर्मनाक पहलू यह है कि राजहरा पुलिस के वर्दीधारी कर्मियों के आंख के सामने ही घटना को अंजाम दिया। वही सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई बावजूद इसके राजहरा पुलिस को वारदात में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने में हाथ पांव फूल रहे थे। घटना के 19 दिन तक राजहरा पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। आखिरकार 20 अप्रैल 2025 को दिखावे की गिरफ्तारी की गई और तत्काल छोड़ दिया गया।

राजहरा पुलिस के ऐसे धूमिल चरित्र के कारण लोगों का पुलिस और कानून व्यवस्था से विश्वास उठ गया है। जो शहर में गुंडा कानून के राज की ओर इशारा कर रहा है। आपको बता दें कि सुरेश आनंद दासानी को किसी नाम व पहचान की आवश्यकता ही नहीं है। वे कई सालों से गरीब, बीमार, कमजोर लोगों की हर तरह से सहायता भी करते है। जो शिरडी साई बाबा के परम भक्त होने के नाते लोगों की नि:स्वार्थ सेवा करते है। साथ ही फिल्मी दुनिया में इनकी अलग ही छवि है। उन्होंने अपना जीवन कला के क्षेत्र में भी समर्पित कर रखा है। वे कई फिल्मों और टीवी सीरियल में भी कलाकार के रूप में काम कर चुके है।

शहर में चर्चा है कि राजहरा थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी का अवैध कारोबारियों और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से सांठगांठ है। इसके बावजूद बालोद पुलिस कप्तान द्वारा थाना प्रभारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जो समझ से परे है। राजहरा में हुई इस घटना ने पुलिस विभाग की निष्क्रियता और पक्षपातपूर्ण रवैये को उजागर किया है। इस घटना में मौजूद पुलिसकर्मियों की निष्क्रियता पर भी छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा कोई सख्त कार्यवाहक नहीं की गई है। यह स्थिति पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भी पुलिस की जांच में देरी और निष्क्रियता पर कड़ी टिप्पणी की है। हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने कहा, “अधिकारी बॉलीवुड स्टार नहीं हैं कि हर दिन उनकी तस्वीरें अखबारों में छपें। उन्हें अपने कार्यों पर ध्यान देना चाहिए और जनता की सेवा करनी चाहिए।”

यदि पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं और अपराधियों के साथ सांठगांठ करते हैं, तो यह समाज के लिए गंभीर खतरा है। उच्च अधिकारियों को इस मामले में त्वरित और सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकि जनता का पुलिस पर विश्वास बना रहे और कानून का शासन स्थापित हो सके।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग

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