बेखौफ रेत चोर, बालोद जिला खनिज अधिकारी ने दे रखी खुली छूट

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में पत्रकारों की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। बालोद जिले के गुरूर तहसील अंतर्गत ग्राम मरकाटोला में रेत भंडारण की खबर कवरेज करने गए पत्रकार कृष्णा गंजीर पर रेत तस्करों ने जानलेवा हमला किया। उन्हें लोहे की रॉड से पीटा गया और फिर उन पर हाईवा चढ़ाने की कोशिश की गई। गंभीर रूप से घायल कृष्णा गंजीर को धमतरी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
यह घटना पुरुर थाना क्षेत्र की है, जहां नदियों से अवैध रूप से अत्यधिक मात्रा में रेत लाकर भंडारण करने की शिकायतें गुरुर तहसील में मिली थीं। शिकायत के आधार पर मंगलवार 13 मई 2025 की शाम पटवारी डोमेंद्र मंडावी जांच के लिए मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान कवरेज के लिए मीडियाकर्मी कृष्णा गंजीर तथा अमित मंडावी भी पहुंचे थे। रेत सप्लायर और उनके गुर्गों ने पत्रकारों पर हमला कर दिया, हालात बेकाबू होते देख पटवारी और राजस्व टीम के सदस्य वहां से जान बचाकर भागे। पटवारी ने थाने पहुंचकर अधिकारियों को घटना की जानकारी दी।
इस मामले में पुरूर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है। पुरूर पुलिस ने बालोद जिले के वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा गंजीर पर हुए जानलेवा हमले में उमेश्वर उर्फ ओमू साहू, रविकांत साहू, राजू साहू, कोमल निर्मलकर, तालेश्वर वर्मा, हेमराज सिन्हा, गुलशन, हमेश्वर, विजय कुमार ठाकुर तथा अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 109, 190, 191(2), 191(3), 296, 351(2) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। मुख्य आरोपी ओमू साहू और रविकांत साहू अभी भी छत्तीसगढ़ पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके है। कारण क्या है? ये पुलिस ही जाने।
असल मामला यह है कि ग्राम मरकाटोला स्थित देवकी बाई ठाकुर के फार्म हाउस में ओमू उर्फ उमेश्वर कुमार आडिल पिता गौकरण साहू निवासी ग्राम चूल्हापथरा तहसील गुरूर जिला बालोद ने अपने नाम पर रेत भंडारण बाबत अनुमति ले रखा है तथा रेत भंडारण केन्द्र मरकाटोला से गंतव्य तक रेत परिवहन करने हेतु जिला बालोद खनिज शाखा से रॉयल्टी बुक भी ले रखा है, लेकिन रेत भंडारण केन्द्र में भंडारित लगभग बाइस–तेईस हजार घन मीटर रेत किस नदी से कब और किस नंबर की रॉयल्टी पर्ची से रेत की आवक हुई है इस संबंध में कोई वैध दस्तावेज ही नहीं है। इसी मामले की जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी गुरूर के निर्देश पर हल्का पटवारी डोमेंद्र नेताम जांच प्रतिवेदन तैयार करने उक्त रेत भंडारण केन्द्र मरकाटोला गए हुए थे। जहां पर रेत चोरों और उनके गुंडों ने घटना को अंजाम दिया।
यह घटना छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर हो रहे हमलों की एक कड़ी है। कुछ माह पहले ही गुरूर में विख्यात पत्रकार विनोद नेताम पर भी जानलेवा हमला हुआ था। प्रदेश के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर को मारकर सैप्टिक टैंक में दफना दिया गया था। वही बालोद जिले के दल्ली राजहरा बस स्टैण्ड में पत्रकार फिरोज अहमद खान को भी शहर में रह रहे अवैध प्रवासी व अपराधी विशाल मोटवानी ने जान से मारकर सैप्टिक टैंक में दफ्न करने की बात कही थी। वही हाल ही में सूरजपुर जिले के जगन्नाथपुर गाँव में पत्रकार संतोष कुमार टोप्पो के माता-पिता और भाई की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई थी। यह हमला संपत्ति विवाद के चलते हुआ था, जिससे राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
इसके अलावा, रायपुर में पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट व्यास मुनि द्विवेदी पर खनन माफिया के गुर्गों ने हमला किया और उनकी कार में आग लगा दी। यह हमला जानलेवा हमले की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद हुआ। दुर्ग जिले में भी एक पत्रकार पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें भाजपा नेता मोनू साहू को गिरफ्तार किया गया। यह हमला पत्रकार धीरेंद्र गिरि गोस्वामी पर किया गया था, जब उन्होंने एक महिला के साथ हो रही बदसलूकी का विरोध किया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मामले को कमजोर करने के लिए पटवारी पर उच्च अधिकारियों के द्वारा दबाव बनाया जा रहा है और मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। आपको बता दें कि जिला खनिज अधिकारी श्रीमती मीनाक्षी साहू और खनिज निरीक्षक शशांक सोनी ने पूरे जिले में अवैध खनिज माफियाओं को खुली छूट दे रखी है। जिले के पत्थर खदान, रेत खदान, मुरूम खदान व अन्य जगहों पर अवैध कार्य खुलेआम संचालित हो रहे है।
वही प्रदेश में पत्रकारों व मीडियाकर्मियों पर हुए जानलेवा हमले और हत्याओं से स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे।