डौंडीलोहारा में संत शिरोमणि सेन महाराज की जयंती समारोह हर्षोल्लास से संपन्न

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के डौंडीलोहारा नगर में संत शिरोमणि श्री सेन जी महाराज की जयंती समारोह का आयोजन भव्यता और श्रद्धा के साथ किया गया। इस जिला स्तरीय कार्यक्रम में पूरे बालोद जिले के सेन समाज के हजारों सदस्य एकत्रित हुए, जिससे आयोजन स्थल सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन गया। समारोह के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक अनिला भेड़िया ने शिरकत की, जबकि अध्यक्षता जिला कांग्रेस कमेटी बालोद के अध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी ने की। अपने संबोधन में उन्होंने सेन समाज के योगदान की सराहना की और समाज के युवाओं को शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि तारिणी पुष्पेन्द्र चंद्राकर रहे, जबकि अध्यक्षता नगर पंचायत अध्यक्ष लाल निवेन्द्र सिंह टेकाम ने की। इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सदस्यों को सम्मानित किया गया, जिसमें पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, प्रतिभावान युवा, बच्चे और कलाकार शामिल थे।
कार्यक्रम में पुनितराम सेन (प्रदेश अध्यक्ष), भुवन लाल कौशिक (प्रदेश सचिव, छत्तीसगढ़ प्रांत सेन समाज), अविनाश ठाकुर (उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रांत सेन समाज), संतोष कौशिक (पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष), नेहा (उपाध्यक्ष, नगर पंचायत डौंडीलोहारा), भीखम सेन (जिला अध्यक्ष, दुर्ग), मनोज ठाकुर (जिला अध्यक्ष, रायपुर) सहित कई गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
समारोह के दौरान गाजे-बाजे, पटाखों और मंगल कलश के साथ एक विशाल रथ यात्रा निकाली गई, जिसने नगरवासियों का ध्यान आकर्षित किया। इसके अतिरिक्त, ‘कलश सजाओ प्रतियोगिता’ का आयोजन भी किया गया, जिसमें महिलाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बालोद जिला अध्यक्ष जगन कौशिक, उपाध्यक्ष संतोष सेन, सचिव जितेन्द्र श्रीवास, कोषाध्यक्ष झगगर कौशिक, मोहन सेन, ब्लॉक अध्यक्ष बिशेसर सेन, रवि सेन, लोचन सेन, छननु सेन, संतोष सेन, घनश्याम कौशिक सहित जिले के समस्त इकाई पदाधिकारियों ने अतिथियों का शाल, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया और कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आयोजन सेन समाज की एकता, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक समर्पण का प्रतीक बनकर उभरा, जिससे समाज के सभी वर्गों में उत्साह और गर्व की भावना जागृत हुई।