शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त महाविद्यालय बालोद में सड़क सुरक्षा एवं नशा मुक्ति पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग के निर्देशानुसार एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के तत्वावधान में शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बालोद में “सड़क सुरक्षा एवं नशा मुक्ति” विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमित चोपड़ा (अध्यक्ष, जनभागीदारी समिति, महाविद्यालय बालोद) थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. जेके खलखो ने की। विशिष्ट अतिथि कमलेश सोनी (उपाध्यक्ष, नगर पालिका परिषद), डॉ. लीना साहू (जिला संगठक, एनएसएस), देवांश सिंह राठौर (एसडीओ पुलिस, बालोद), डॉ. लोकेश के रंजन (सहायक प्राध्यापक, साइकाइट्रिक सोशल वर्क), महेश पाठक (सामाजिक कार्यकर्ता) एवं डॉ. एचएल मानकर (विभागाध्यक्ष, गणित विभाग) मंचासीन रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती एवं युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से की गई। तत्पश्चात जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में निहत्थे नागरिकों की हत्या पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मौन श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्य अतिथि अमित चोपड़ा ने कहा कि सड़क सुरक्षा आज के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। हर साल भारत में लगभग डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं के कारण होती है। यह आंकड़ा केवल एक संख्या नहीं, बल्कि हजारों परिवारों की बर्बादी का चित्रण है। उन्होंने कहा कि हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट लगाना, ट्रैफिक लाइट का पालन करना जैसे छोटे-छोटे नियम हमारे जीवन को बचा सकते हैं।
कार्यक्रम अध्यक्षता कर रहे डॉ. जेके खलखो ने कहा कि विद्यार्थी वर्ग देश का भविष्य है और उन्हें सड़क सुरक्षा जैसे विषयों को गंभीरता से आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम स्वयं यातायात नियमों का पालन करें, तो समाज में स्वतः अनुशासन की भावना उत्पन्न होती है।
एसडीओपी देवांश सिंह राठौर ने कहा कि सड़क सुरक्षा सिर्फ सरकार या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं को ऑनलाइन ठगी और साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक खतरों से भी सचेत रहने की सलाह दी। साथ ही टोल फ्री नंबर 112 की जानकारी देकर आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता लेने की बात कही।
डॉ. लोकेश के रंजन ने अपने वक्तव्य में कहा कि “नशा नाश की जड़ है” — यह केवल एक कहावत नहीं, बल्कि सच्चाई है जिसे हमें समझना होगा। उन्होंने बताया कि नशे की लत न केवल शारीरिक और मानसिक क्षति पहुंचाती है, बल्कि पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक ढांचे को भी तोड़ देती है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि नशा मुक्ति को एक व्यक्तिगत संकल्प बनाएं।
डॉ. लीना साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि परिवार की भूमिका सबसे अहम होती है। माता-पिता यदि अपने बच्चों को प्रारंभ से ही अच्छे संस्कार और अनुशासित जीवनशैली सिखाएं, तो बच्चे गलत आदतों से बच सकते हैं।
कमलेश सोनी ने राष्ट्रीय सेवा योजना के जागरूकता कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक सोच और व्यवहार में बदलाव लाने का सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने उपस्थित युवाओं से आग्रह किया कि वे स्वयं नशे से दूर रहें और दूसरों को भी जागरूक करें।
कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा एवं नशा मुक्ति विषय पर नुक्कड़ नाटक, निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग तथा नारा लेखन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें बालोद जिले के विभिन्न महाविद्यालयों और विद्यालयों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विजेताओं को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक प्रो. जीएन खरे ने आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा और नशा मुक्ति जैसे विषय केवल एक दिन की चर्चा नहीं, बल्कि जीवन भर के लिए अपनाने योग्य सिद्धांत हैं। उन्होंने कहा कि जागरूक नागरिक ही सुरक्षित समाज की नींव रखते हैं।
कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु प्रमुख सलाहकार प्रो. सीडी मानिकपुरी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के सक्रिय स्वयंसेवक लक्ष कुमार साहू द्वारा प्रभावशाली रूप से किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापकगण, अतिथि व्याख्याता, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीगण तथा रासेयो के स्वयंसेवक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यशाला पूरी तरह से सफल रही और उपस्थित सभी लोगों में गहरी छाप छोड़ गई।