बालोद

बालोद में 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का हुआ भव्य समापन, युवाओं में स्वरोजगार की अलख जगाने की पहल

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बालोद में 27 मार्च से प्रारंभ हुआ 12 दिवसीय माइक्रो एंटरप्राइज डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमईडीपी) सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग तथा भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद की संयुक्त पहल के अंतर्गत आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार और स्टार्टअप की दिशा में प्रशिक्षित करना तथा उन्हें व्यावसायिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।

मुख्य अतिथि जयप्रकाश रात्रे (प्रबंधक, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग) ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ राज्य में उद्यमिता का वातावरण सृजित करने के लिए शासन लगातार प्रयासरत है। इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं में नवाचार, आत्मनिर्भरता और व्यावसायिक नेतृत्व को बढ़ावा देते हैं।”

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जे.के. खलखो ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में छात्रों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए उद्यम स्थापित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमारे युवाओं में अपार संभावनाएं हैं। आवश्यकता है उन्हें सही मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देने की, जिससे वे रोजगार मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें।”

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. जी.एन. खरे ने 12 दिवसीय प्रशिक्षण सत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रतिभागियों को व्यवसाय योजना निर्माण, वित्तीय प्रबंधन, विपणन रणनीतियां, सरकारी योजनाएं, डिजिटल टूल्स आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम प्रतिभागियों में जोखिम उठाने की भावना, निर्णय लेने की क्षमता, आत्मनिर्भरता और नवाचार के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।”

सलाहकार प्रो. सी.डी. मानिकपुरी ने उद्यमिता को सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का माध्यम बताते हुए कहा कि “स्टार्टअप केवल व्यवसाय नहीं बल्कि एक सामाजिक आंदोलन भी है, जो समाज में नई सोच और रोजगार सृजन की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।”

वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती सुनीता गणेश जोशी ने कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा और प्रशिक्षण सत्रों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण में सक्रिय भागीदारी की और कई नवाचार आधारित व्यावसायिक योजनाएं तैयार कीं। कार्यक्रम में जिले के युवाओं ने सहभागिता की। समापन समारोह में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण से उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में नई सोच और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम का संचालन भी संयोजक प्रो. जी.एन. खरे ने किया और अंत में सभी आमंत्रित अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। यह कार्यक्रम न केवल छात्रों को स्वरोजगार के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्टार्टअप संस्कृति को मजबूती प्रदान करने का सशक्त माध्यम भी बना।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग
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