बालोद

बालोद जिले में अवैध रेत परिवहन पर प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़ रही समस्याएं

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन की गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। विशेष रूप से डौंडी थाना क्षेत्र में रेत से भरी एक हाइवा के अचानक गायब होने की घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रेत से भरी हाइवा को बिना किसी रोक-टोक के जाने दिया गया, जो समझ से परे है। यदि जिले के अंतिम छोर पर स्थित डौंडी थाना क्षेत्र में यह स्थिति है, तो अन्य थानों की स्थिति की कल्पना की जा सकती है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस क्षेत्र से रोजाना भारी वाहन अवैध रूप से मुरूम, रेत, गिट्टी और बोल्डर का परिवहन करते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती।

डौंडी थाना क्षेत्र से रोजाना कई रेत से भरी गाड़ियां धड़ल्ले से गुजरती है। वहीं डौंडी थाना प्रभारी उमा ठाकुर द्वारा इन अवैध रेत परिवहन कर रही हाइवा गाड़ियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिससे ये समझ आता है कि दाल में कुछ काला है। आपको बता दें कि चारामा की ओर से कई हाइवा रोजाना रात दिन बिना रॉयल्टी रेत का खुलेआम धड़ल्ले से परिवहन किया जा रहा है। ये रेत से भरी गाड़ियां रोजाना गुजर रही है लेकिन डौंडी थाना प्रभारी उमा ठाकुर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिस कारण अवैध रेत परिवहन में लिप्त रेत माफिया के हौंसले बुलंद है। आपको बता दें कि दिनांक 11 अप्रैल 2025 को डौंडी थाना क्षेत्र से होकर एक रेत से भरी अशोक लीलैंड नामक हाइवा सीजी 24 एस 9799 को झरन ढाबा में तैनात यातायात पुलिस के जवान ने रोका। वहीं हाइवा के ड्राइवर से पूछताछ करने पर पता चला कि हाइवा में अत्यधिक मात्रा में रेत भरी गई है वही गाड़ी में रेत के उड़ने से बचने के लिए तिरपाल भी नहीं ढकी गई है। वहीं 12 चक्का के ड्राइवर से पास कोई रेत परिवहन से संबंधित कोई वैध दस्तावेज भी नहीं है। आपको बता दे कि रेत से खचाखच भरी हाइवा के ड्राइवर के पास खनिज विभाग द्वारा जारी रॉयल्टी पर्ची भी नदारद थी। साफ जाहिर है कि अवैध खनिज परिवहन में लिप्त लोगों द्वारा खनिज विभाग के साथ साथ रास्ते में पढ़ने वाले सभी थाना प्रभारियों से भी जी हुजूरी करवा लेते है। वहीं जिले का यातायात विभाग भी इनके आकाओं के आगे नतमस्तक है, जो काफी शर्मनाक है।

अवैध रेत से भरी हाइवा अचानक कहां गुम हो गई ये समझ नहीं आ रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रेत से भरी हाइवा को आसानी से जाने दिया गया जो समझ से परे है। अगर जिले के अंतिम छोड़ पर बसे डौंडी थाना क्षेत्र में यह हाल है तो जिले के बाकी थानों का क्या हाल होगा। ऐसे ही रोजाना इस क्षेत्र से कई भारी वाहन अवैध रूप से मुरूम, रेत, गिट्टी तथा बोल्डर का परिवहन करते पाए जाते है।

हालांकि, खनिज विभाग, पुलिस विभाग और यातायात विभाग द्वारा समय समय पर अवैध रेत खनन और परिवहन के खिलाफ कार्यवाही की जाती है। इस संबंध में खनिज विभाग द्वारा जहां गौण खनिज नियम 2015 और एमएमडीआर एक्ट 1957 की धारा 21 से 23 के तहत अर्थदंड और जुर्माना भी वसूला जाता है। वहीं बालोद खनिज अधिकारी श्रीमती मीनाक्षी साहू कभी भी पत्रकारों का फोन नहीं उठाती। जो विभाग की किसी विकराल समस्या की ओर इशारा करता है।

बालोद जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन की बढ़ती घटनाएं प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करती हैं। स्थानीय लोगों की शिकायतों और घटनाओं के बावजूद ठोस कार्यवाही का अभाव चिंता का विषय है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दे और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाए।

वहीं इस संबंध में डौंडी थाना प्रभारी उमा ठाकुर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि यातायात विभाग के सिपाही द्वारा उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी। जबकि वे आईजी ऑफिस से प्राप्त निर्देश पर ढाबों व होटलों के आसपास सड़क किनारे खड़े भारी मालवाहक वाहनों की जांच के लिए दौरा कर रही थी। यह बयान और पुलिस विभाग और जिला प्रशासन की निष्क्रियता स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग

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