ट्रेड यूनियन विरोधी कामकाज के आरोप में यूनियन सचिव निलंबित

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के भिलाई स्टील प्लांट के राजहरा माइंस से एक प्रमुख खबर सामने आई है, जहां संयुक्त खदान मजदूर संघ दल्ली राजहरा के सचिव कमलजीत सिंह मान को ट्रेड यूनियन के विरोधी कामकाज के आरोप में तीन माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। यह कदम एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रस) द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत उठाया गया है।
एटक महासचिव आरडीसीपी राव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कमलजीत सिंह मान को उनके यूनियन विरोधी कार्यों के कारण तीन माह के लिए निलंबित किया गया है। राव का कहना था, “अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं आता तो उन्हें यूनियन से बाहर भी किया जा सकता है।”
निलंबन के कारण :
संयुक्त खदान मजदूर संघ दल्ली राजहरा के सचिव पद पर रहते हुए कमलजीत सिंह मान पर आरोप है कि उन्होंने यूनियन के संविधान के खिलाफ कार्य किया। स्थानीय निकाय चुनाव में यूनियन के द्वारा स्वीकृत उम्मीदवार के विरुद्ध सत्ताधारी राजनैतिक दल भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में भाजपा के चुनाव चिन्ह पर, एसकेएमएस द्वारा समर्थित उम्मीदवार के विरोध में उम्मीदवारी कर रहे तोरण लाल साहू को न सिर्फ समर्थन दिया, बल्कि यूनियन कार्यालय से उनके प्रचार-प्रसार के लिए खुले आम कार्य किया। यह सब यूनियन के सिद्धांतों और हितों के विपरीत था। इस वजह से एटक ने संयुक्त खदान मजदूर संघ के संविधान की धारा 11(ब) के तहत उन्हें निलंबित किया। निलंबन पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह कार्यवाही पत्र जारी होने की तिथि से प्रभावी होगी और तीन महीने तक उनके खिलाफ यह कार्रवाई जारी रहेगी।
कमलजीत सिंह मान का बयान :
कमलजीत सिंह मान ने इस कार्यवाही पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कार्यवाही उन्हें संगठन से बाहर करने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी सदस्य से विचार-विमर्श किए और बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए यह निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया, “विनोद सोनी के घर पर चार लोगों ने मिलकर यह फैसला लिए, जबकि कोई भी संयुक्त खदान मजदूर संघ का सदस्य इससे अनजान था।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले सात सालों से यूनियन कांफ्रेंस आयोजित नहीं हुई थी और वे लगातार इसके आयोजन की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि स्टेट कमेटी ने उनका गुस्सा इसी मुद्दे पर उतारा है।
कमलजीत सिंह ने आगे कहा कि जिस भाजपा उम्मीदवार का नाम लिया जा रहा है, वह पहले यूनियन का पदाधिकारी रह चुका था और उनका करीबी मित्र भी है। चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों के लोग आते जाते हैं और इस भाजपा उम्मीदवार ने भी उनसे समर्थन मांगा था। उनके मुताबिक, विरोधियों ने उनकी एक फोटो का गलत इस्तेमाल किया।
नियमों का उल्लंघन और कार्यवाही की वैधता पर सवाल :
कमलजीत सिंह ने निलंबन की कार्यवाही को गलत ठहराते हुए कहा कि नियमों के खिलाफ यह आदेश जारी किया गया। उनका आरोप है कि उन्हें किसी भी प्रकार का समय नहीं दिया गया और न ही इस कार्रवाई में तीन-चौथाई बहुमत लिया गया, जैसा कि नियमों में होता है। उन्होंने रजिस्ट्रार को जवाब देते हुए कहा कि जब तक वह निलंबित हैं, तब तक वह कोई कांफ्रेंस आयोजित नहीं होने देंगे।
यह मामला ट्रेड यूनियन के भीतर के विवादों और आंतरिक राजनीति का प्रतीक है, जो अक्सर यूनियन के कार्यों और निर्णयों को प्रभावित करती है। कमलजीत सिंह मान की निलंबन की कार्रवाई से यूनियन के भीतर असंतोष फैल सकता है, और यह स्थिति भविष्य में और अधिक जटिल हो सकती है।
क्या कमलजीत सिंह अपनी स्थिति को सुधारने में सफल होंगे या यूनियन के भीतर इस निलंबन से और भी विवाद पैदा होंगे, यह देखने की बात होगी। फिलहाल, उनके द्वारा उठाए गए सवाल और विरोध के कारण यह मामला यूनियन और राज्य की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ ले सकता है।