भ्रष्टाचार बेनकाब: रिश्वतखोर पटवारी की साजिश नाकाम, न्यायालय ने पत्रकारों को किया निर्दोष घोषित…

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले की गुरूर तहसील कार्यालय में पदस्थ भ्रष्ट पटवारी पोषण लाल गंगासागर की साजिश का पर्दाफाश हो गई है। रिश्वतखोरी, टैक्स चोरी और पत्रकारों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने जैसे गंभीर आरोपों में घिरे गंगासागर की पोल न्यायालय ने खोल दी है। अदालत ने पत्रकार कृष्णा गंजीर और पत्रकार अमित मंडावी पर लगे सभी झूठे आरोपों को खारिज कर दिया, जिससे यह साबित हो गया कि भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले पत्रकारों को फंसाने की साजिश रची गई थी।
कैसे खुला पटवारी का काला चिट्ठा?
पटवारी पोषण लाल गंगासागर का नाम उस समय सुर्खियों में आया जब एक वायरल वीडियो में उसे किसान नकुलराम पटेल से रिश्वत लेते हुए देखा गया। उस वीडियो का समाचार कई न्यूज पोर्टलों और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ, जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था। इस खुलासे से बौखलाए पटवारी पोषण लाल गंगासागर ने पत्रकार कृष्णा गंजीर और पत्रकार अमित मंडावी पर झूठे आरोप लगाकर उनके खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी।
पटवारी पोषण लाल गंगासागर का दावा था कि ये पत्रकार राजनीतिक संरक्षण के कारण उन्हें बदनाम कर रहे हैं, लेकिन जब मामले की जांच हुई, तो उनके आरोप पूरी तरह झूठे निकले। न्यायालय ने न केवल पत्रकारों को निर्दोष करार दिया बल्कि इस मामले में गुरूर पुलिस की लापरवाही को भी उजागर किया।
साजिश का शिकार हुए पत्रकार, पांच महीने जेल में रहे :
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बिना ठोस जांच के गुरूर पुलिस ने पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और उन्हें पूरे पांच महीने तक जेल में रखा। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि तत्कालीन थाना प्रभारी भानुप्रताप साव और सहायक उप निरीक्षक भुजबल साहू ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया और बिना किसी ठोस सबूत के पत्रकारों को जेल भिजवा दिया।
18 लाख के सौदे में टैक्स चोरी का आरोप :
इस भ्रष्टाचार की परतें जब खुलीं, तो एक और बड़ा घोटाला सामने आया। पटवारी पोषण लाल गंगासागर और किसान नकुलराम पटेल के बीच 18 लाख रुपये की जमीन का सौदा हुआ था, जिसमें सरकारी टैक्स बचाने के लिए 11 लाख रुपये में रजिस्ट्री कराया गया। पटवारी पोषण लाल गंगासागर ने रिश्वत के रूप में नकुलराम पटेल से गीता होटल, गुरूर में पैसे लिए, और यह सौदा भी वीडियो में कैद हो गया।
पत्रकारों की जीत, मानहानि का मुकदमा दर्ज :
पत्रकारों के खिलाफ झूठे आरोपों के खारिज होने के बाद, पत्रकार कृष्णा गंजीर ने भ्रष्ट पटवारी पोषण लाल गंगासागर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। उन्होंने कहा कि झूठे आरोपों से उनकी छवि को गहरा नुकसान पहुंचा है और वे इस अन्याय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
प्रशासनिक तंत्र पर सवाल, न्याय की जीत :
इस मामले ने बालोद जिले के प्रशासनिक तंत्र की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। एक भ्रष्ट अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर पत्रकारों को झूठे मुकदमे में फंसाता है, पुलिस बिना जांच किए कार्यवाही करती है और पत्रकारों को महीनों तक जेल में बंद रहना पड़ता है। लेकिन अंततः न्याय की जीत हुई और सच्चाई सामने आई।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है और क्या भ्रष्ट पटवारी पोषण गंगासागर को उसकी करतूतों की सजा मिलेगी या नहीं? क्या सरकार और प्रशासन इस मामले में कड़ा रुख अपनाएंगे?