“बीएसपी क्षेत्र में अवैध निर्माण : रिश्वत की रुई से कान दबाए अधिकारी, शहर में अवैध कब्जों का मेला!”

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के दल्ली राजहरा में बीएसपी क्षेत्र में अवैध निर्माण का सिलसिला अब किसी म्यूजिकल शो जैसा लगने लगा है, जहां हर दिन एक नया निर्माण हो रहा है और जिम्मेदार अधिकारी अपनी आंखों पर एक चश्मा चढ़ाए बिना, अपनी कानों में रिश्वत की कपास से बनी रुई ठूंस कर सब कुछ अनदेखा कर रहे हैं। हां, आपने सही सुना! चाहे अखबारों में खबरें छपें, सोशल मीडिया पर पोस्ट हो या फिर स्थानीय लोग शोर मचाएं – इन अवैध कब्जाधारियों को “क्या फर्क पड़ता है?” रवैया जरा भी नहीं बदलता।
शिकायत करने पर बीएसपी के अधिकारी आपको वही पुरानी कहानी सुनाते हैं – “हम लगातार अवैध कब्जे के खिलाफ कार्यवाही करते है।” और फिर जैसे ही दो हफ्ते का लघु विराम खत्म होता है, ये काम फिर से जोर-शोर से चालू करवा दिया जाता है। यह सचमुच किसी नृत्य कार्यक्रम से कम नहीं, जहां हर दो हफ्ते में एक नई चालाकी होती है।
वहीं गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीएसपी का विजलेंस दस्ता इस कार्य में कुछ ज्यादा ही व्यस्त है – रिश्वत के लिफाफों में खो जाता है और स्याही की जगह पेन की रिफिल नीचे गिराने का काम करता है। यानी, जब अधिकारी अपनी शर्ट की आस्तीन चढ़ाकर काम करने की बजाय किसी अन्य काम में व्यस्त हों, तब जिम्मेदार लोग अवैध निर्माण में मस्त हैं। अब आप समझ जाइए कि राजहरा शहर में आप कितना भी शोर मचा ले और अखबारों ने खबर प्रकाशन करवा लें इन अवैध कब्जाधारियों का कुछ नहीं बिगाड़ लेने वाले।
आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले बीएसपी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के बाजू में किसी सपना जनरल स्टोर के संचालक द्वारा दुकान व मकान का पक्का निर्माण करवाया जा रहा था। जिसके बाद हमारी खबर छपने के तुरंत बाद ही निर्माण कार्य बंद करवा दिया गया है। वहीं इसी जगह पर पक्का निर्माण करवाया जा रहा है। अवैध रूप से दुकान निर्माण कर रहे ईश्वर निर्मलकार से पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्होंने पक्के निर्माण कार्य के लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली है। वहीं उन्होंने कहा कि शहर में जगह जगह सभी ने अवैध रूप से निर्माण कर दुकान व मकान बना लिए है वही उन्होंने भी पक्का निर्माण कर लिया है। अब जब एक अवैध कब्जाधारी से पूछा गया, तो उन्होंने मासूमियत से जवाब दिया, “हमने तो सिर्फ अपना काम किया है। अगर बाकी लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं, तो हमें क्या फर्क पड़ता है? जब तक कोई रोकने वाला नहीं, हम तो काम कर रहे हैं।” और तो और, उनका कहना था कि किसी प्रकार की अनुमति प्राप्त नहीं की गई है, लेकिन फिर भी ‘हर कोई कर रहा है, तो हम भी कर रहे हैं’ वाली सोच के साथ निर्माण कार्य जारी है। वहीं बीएसपी के नगर प्रशासन विभाग के राजहरा नगर प्रशासक मंगेश शेलकर को किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए दिन में भी फोन लगाओ तो वे कभी भी फोन नहीं उठाते।
यह देख कर यह समझ में आता है कि राजहरा शहर में अवैध कब्जाधारी जो भी कर रहे हैं, वे न तो किसी नियम-कानून के तंत्र से डरते हैं और न ही उनके ऊपर किसी प्रकार का कोई असर डालने वाला है। अधिकारी अपने पैरों में भी जंजीर डालने के बजाय सिर्फ अपनी आंखों में अंधेरा कर और कानों में रुई ठूंसकर बैठे हैं।
अखबारों में छपी खबरें भी इस दौर में बेमानी हो चुकी हैं, क्योंकि उन्हें पढ़ने और समझने वाले अधिकारियों के कानों में से रिश्वत की आवाज नहीं सुनाई देती। पूरे शहर में अवैध कब्जों की बाढ़ सी आ गई है वही बीएसपी क्षेत्र में लगातार अवैध कब्जे चल रहे है वही नगर पालिका के क्षेत्र में भी ताबड़तोड़ अवैध कब्जे कर लोग आलीशान महल बना रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब शासन प्रशासन और बीएसपी प्रशासन दोनों ही अपनी जिम्मेदारियों से मुंह फेरने पर तुले हैं, तो राजहरा में अवैध कब्जाधारी किससे डरेंगे?