राजहरा यंत्रीकृत खान में 40वां खान सुरक्षा पखवाड़ा मनाया गया : शून्य दुर्घटना लक्ष्य की ओर कदम
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के राजहरा यंत्रीकृत खान में 40वां खान सुरक्षा पखवाड़ा बड़े धूमधाम से मनाया गया, जिसमें खान में कार्यरत कर्मियों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए। यह आयोजन खान में कार्यरत श्रमिकों के बीच सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने, दुर्घटनाओं को कम करने और कामकाजी परिस्थितियों को सुधारने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
इस अवसर पर संयोजक अनुराग जैन (खान प्रबंधक, अंबुजा सीमेंट) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उनके साथ प्रमुख निरीक्षण दल के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे, जिनमें दीनानाथ पांडे (उप प्रबंधक, एसीसी जामुल), अमित कुमार वर्मा (वरिष्ठ अधिकारी, सोनाडीह खान), अंकित कुशवाहा (वर्कमेन इंस्पेक्टर), जयप्रकाश सिंह (महाप्रबंधक राजहरा खान), सुनाराम बास्की (महाप्रबंधक, राजहरा प्लांट), पीके मंडल (महाप्रबंधक, पॉवर सप्लाई) और राकेश सिंह (खान प्रबंधक, राजहरा खान) शामिल थे।
खान सुरक्षा पखवाड़े के दौरान कर्मचारियों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। गायन और नाटक के माध्यम से कर्मियों को सुरक्षा के महत्व को समझाया गया और यह संदेश दिया गया कि हर कर्मचारी की सुरक्षा सबसे पहले है। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलकर “सुरक्षा संग उत्पादन” के महत्व पर चर्चा की और यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की कि खान कार्य में कोई भी दुर्घटना न हो।
खदानों में सुरक्षा के कई महत्वपूर्ण पहलू होते हैं, जो कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं से बचने में मदद करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख सुरक्षा उपाय निम्नलिखित हैं : व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) खदानों में कार्य करने वाले श्रमिकों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) जैसे हेलमेट, सुरक्षा जूते, दस्ताने और श्रवण सुरक्षा अनिवार्य रूप से प्रदान किए जाते हैं। इन उपकरणों का इस्तेमाल श्रमिकों को दुर्घटनाओं से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण : खदानों में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों को नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस प्रशिक्षण में संभावित खतरों के बारे में बताया जाता है और इनसे बचाव के उपायों पर चर्चा की जाती है। सुरक्षा मानकों का पालन : खदानों में काम करने के दौरान सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाता है। इन मानकों में खनन क्षेत्र की उचित निगरानी, मशीनरी का नियमित निरीक्षण, और कामकाजी जगहों का उचित रखरखाव शामिल हैं। आपातकालीन योजनाएं : खदानों में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार योजनाएं बनायी जाती हैं। इसमें इमरजेंसी एग्जिट रूट्स, फर्स्ट एड किट्स और आवश्यक चिकित्सा सहायता की व्यवस्था होती है। मशीनरी और उपकरणों की नियमित जांच : खदानों में इस्तेमाल हो रही मशीनरी और उपकरणों की नियमित जांच की जाती है, ताकि उनका सही तरीके से संचालन हो सके और कोई भी संभावित खतरनाक स्थिति उत्पन्न न हो। प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा : खदानों के अंदर और आसपास के क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा जैसे भूस्खलन, बाढ़ या भूकंप की स्थिति में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं।
शून्य दुर्घटना की ओर कदम – इस पखवाड़े के अंतर्गत, अधिकारियों ने यह घोषणा की कि उनका लक्ष्य “शून्य दुर्घटना” है, जो खान कार्य में सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रतीक है। सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ, यह पखवाड़ा यह सुनिश्चित करता है कि हर कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर सुरक्षित रूप से काम कर सके।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि अगर हम सभी सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए काम करें और सुरक्षा नियमों का पालन करें, तो हम दुर्घटनाओं में कमी लाने और शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। 40वां खान सुरक्षा पखवाड़ा एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल कार्यस्थल पर सुरक्षा जागरूकता को बढ़ाता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि खान में काम करने वाले कर्मियों की सुरक्षा सर्वोपरि हो। इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेंगे ताकि खदानों में कार्यरत श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित बनाया जा सके और कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
सुरक्षित कार्यस्थल का निर्माण सभी कर्मचारियों के लिए जिम्मेदारी है और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, ताकि शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।