कांग्रेस ने दल्ली राजहरा नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए रवि जायसवाल को प्रत्याशी के रूप में घोषित किया
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के दल्ली राजहरा में कांग्रेस पार्टी ने नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए अतिरिक पिछड़ा वर्ग आरक्षण श्रेणी से रवि जायसवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इस घोषणा से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह और जोश का माहौल है, क्योंकि रवि जायसवाल को दल्ली राजहरा शहर में एक जुझारू और मेहनती नेता के रूप में पहचाना जाता है।
रवि जायसवाल का नाम नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए पार्टी ने उन गुणों और संघर्षों को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित किया है, जो उन्होंने पिछले वर्षों में अपनी मेहनत और समाज सेवा के माध्यम से दर्शाए हैं। उन्हें यकीन है कि यदि दल्ली राजहरा के लोग उन्हें अपना समर्थन देते हैं तो वे नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठकर शहर में बदलाव ला सकते हैं।
आपको बता दें कि रवि जायसवाल ने दल्ली राजहरा को जिला मुख्यालय बनाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया था, लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार के कारण इस सपना को साकार नहीं किया जा सका। फिर भी, उनके प्रयासों ने शहरवासियों को उम्मीद दी कि एक दिन उनका शहर भी जिला मुख्यालय बनेगा। अब, नगर पालिका अध्यक्ष बनने के बाद वे अपने इस लक्ष्य को नए तरीके से पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
रवि जायसवाल का कहना है, “मैंने हमेशा दल्ली राजहरा के विकास के लिए काम किया है। अगर राजहरा के लोग मुझे नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में समर्थन देते हैं तो मैं पूरा प्रयास करूंगा कि बालोद जिले के कई महत्वपूर्ण विभाग दल्ली राजहरा में स्थानांतरित हो, जिससे नगर का विकास तेजी से हो सके और यहाँ के लोग एक बेहतर जीवन जी सकें।”
उन्होंने यह भी कहा कि दल्ली राजहरा में जिला मुख्यालय के कुछ विभाग लाने के लिए वे प्रदेश सरकार से लगातार संपर्क करेंगे और जिले के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उनका मानना है कि यदि नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी उन्हें मिलती है तो वे क्षेत्र के हर वर्ग के विकास के लिए काम करेंगे, खासकर उन क्षेत्रों की ओर ध्यान देंगे जहां विकास की जरूरत है।
कांग्रेस कार्यकर्ता इस घोषणा से खासे उत्साहित हैं और उनका मानना है कि रवि जायसवाल के नेतृत्व में दल्ली राजहरा में न केवल बदलाव आएगा, बल्कि यह शहर जल्द ही अपने विकास के रास्ते पर अग्रसर होगा।
आपको बता दे कि इस घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। जहाँ एक ओर कांग्रेस कार्यकर्ता रवि जायसवाल के नेतृत्व में आशान्वित नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कई दलबदलू नेता इस फैसले से नाराज हो गए हैं। वहीं भाजपा में भी इस फैसले को लेकर खलबली मच गई है, क्योंकि पार्टी को अब अपनी रणनीति पर पुनः विचार करना होगा।
रवि जायसवाल के कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी बनने से जहां पार्टी के पुराने और स्थापित कार्यकर्ता खुशी से झूम रहे हैं, वहीं पार्टी के कुछ दलबदलू नेताओं को यह स्थिति नापसंद आई है। सूत्रों के मुताबिक, कई कांग्रेसी नेता, जो पहले पार्टी के अंदर उच्च पदों पर थे और पिछले कुछ वर्षों में अपनी राजनीतिक पहचान बना चुके थे, अब यह मानते हैं कि उनके प्रयासों और समर्पण को नजरअंदाज किया गया है। ये नेता खुद को राजनीतिक रूप से हाशिये पर महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके कड़ी मेहनत के बावजूद पार्टी ने नए चेहरे को मौका दिया है।
इस बीच, भाजपा में भी इस घोषणापत्र को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। भाजपा के नेताओं का मानना है कि रवि जायसवाल का कांग्रेस में प्रत्याशी घोषित होना उनकी पार्टी के लिए एक नई चुनौती बन सकता है। रवि जायसवाल को दल्ली राजहरा शहर में जुझारू और निष्ठावान नेता के रूप में पहचाना जाता है, और उनके राजनीतिक संघर्ष और शहर के विकास के लिए किए गए प्रयासों को भी लोग बखूबी जानते हैं। भाजपा का मानना है कि कांग्रेस ने एक मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतार कर इस बार नगर पालिका चुनाव में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
भाजपा के कुछ नेताओं का कहना है कि रवि जायसवाल का नेतृत्व और संघर्ष भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। उनके इस कदम से भाजपा को आगामी चुनाव में अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को एक नई दिशा देने के लिए एक नए दृष्टिकोण से काम करना होगा। भाजपा के कार्यकर्ताओं में यह चिंता भी है कि कांग्रेस के इस फैसले से स्थानीय स्तर पर पार्टी की स्थिति पर असर पड़ सकता है, और आगामी चुनावों में भाजपा को चुनावी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है।
रवि जायसवाल के कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने से दल्ली राजहरा के मतदाताओं के बीच भी कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोगों का कहना है कि यदि रवि जायसवाल नगर पालिका अध्यक्ष बनते हैं, तो वे नगर के विकास के लिए अपनी नीतियों को लागू करेंगे, क्योंकि उन्होंने पहले ही इस बात का आश्वासन दिया है कि वे नगर पालिका के विभिन्न विभागों को दल्ली राजहरा में लाने के लिए प्रयास करेंगे, जिससे शहर का विकास तेजी से हो सके।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस और भाजपा अपनी चुनावी रणनीति को किस प्रकार से पेश करती हैं, और कौन सा दल अधिक समर्थन जुटाने में सफल होता है।