‘हैप्पी होम हॉलीडेज’: करोड़ों की ठगी, पत्रकारों पर थाने में झूठी शिकायत और अब टैक्स चोरी का बड़ा खुलासा?…

महासमुंद। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से जुड़ा एक बहुस्तरीय घोटाला उजागर हुआ है, जिसमें ‘HAPPYHOME HOLIDAYS PRIVATE LIMITED’ नामक कंपनी ने वेकेशन पैकेज, सोने के सिक्के और प्लॉट के नाम पर आम नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी की। इस घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पत्रकारों पर झूठी शिकायत दर्ज करवा उन्हें प्रताड़ित करने की कोशिश की गई। अब इस प्रकरण में वस्तु एवं सेवा कर (GST) चोरी का गंभीर पहलू भी सामने आया है।
सुनहरे सपनों के बदले धोखे की पटकथा : कंपनी द्वारा नागरिकों को “लक्ज़री ट्रैवल पैकेज”, “गोल्ड क्वाइन” और “विवाद रहित प्लॉट” का प्रलोभन देकर मोटी रकम वसूली गई। परंतु हकीकत में न कोई वेकेशन मिला, न ही सोने का सिक्का और न ही वैध ज़मीन का दस्तावेज़।
पत्रकारों को बना दिया आरोपी : जब कुछ निडर पत्रकारों ने इस ठगी की सच्चाई उजागर की, तो कंपनी के संचालक सुरज वासे ने उन्हीं पत्रकारों के विरुद्ध महासमुंद थाने में झूठी शिकायतें दर्ज करा दीं। यह कार्य न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है, बल्कि जनहित में कार्य करने वाली आवाज़ों को दबाने का प्रयास भी।
अवैध प्लॉटिंग का भंडाफोड़ : ग्राम परसकोल स्थित खसरा नंबर 165 एवं 175 की कृषि भूमि को अवैध रूप से टुकड़ों में बांटकर बेचा जा रहा है। हल्का पटवारी की रिपोर्ट और अनुविभागीय अधिकारी के निर्देशों में यह स्पष्ट रूप से नियमविरुद्ध घोषित किया गया था।
अब टैक्स चोरी की परत भी उजागर : अब इस गिरोह पर जीएसटी चोरी का आरोप भी सामने आया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कंपनी ने परिवहन, भंडारण एवं संचार से संबंधित सेवाएं प्रदान करने के बावजूद अब तक जीएसटी का भुगतान नहीं किया है, जो कर कानूनों का सीधा उल्लंघन है।
“यह कर चोरी न केवल आर्थिक अपराध है, बल्कि ईमानदार करदाताओं और व्यवसायियों के साथ अन्याय भी है।”
प्रशासन की अग्निपरीक्षा : राज्य सरकार, पुलिस प्रशासन, जीएसटी विभाग एवं न्याय व्यवस्था के समक्ष अब यह एक गंभीर परीक्षा है। प्रश्न यह है – क्या इन संगठित ठगों पर कठोर कार्रवाई होगी? या फिर यह मामला भी राजनीतिक और आर्थिक दबाव में दबा दिया जाएगा?
“यदि आज सच्चाई बोलने वालों को चुप करा दिया गया, तो कल हर नागरिक असुरक्षित होगा।”