सरगुजा संभाग के जिला सहकारी बैंक में बड़ा घोटाला, 20 करोड़ से ज्यादा की अनियमितता उजागर ; EOW से जांच की सिफारिश, कई बैंक कर्मचारी निलंबित…

सरगुजा। सरगुजा संभाग के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। शंकरगढ़ और कुसमी शाखा से करीब 13 करोड़ 14 लाख रुपये के अनियमित लेनदेन सामने आए हैं। अब तक संभाग की 8 शाखाओं में कुल 20 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी उजागर हो चुकी है। इस मामले के बाद हड़कंप मच गया है, और सरगुजा कलेक्टर विलास संदीपन भोसकर ने आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) से जांच की सिफारिश की है।
नकली खातों के जरिए हुआ बड़ा घोटाला : सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले में बैंक के शाखा प्रबंधक, लिपिक और कंप्यूटर ऑपरेटरों की मिलीभगत सामने आई है। 2013 से 2021 के बीच फर्जी किसानों के नाम से खाते खोले गए, जिनके जरिए करोड़ों रुपये निजी खातों में स्थानांतरित किए गए। बाद में इन खातों से कैश निकासी, ज्वेलरी शॉप और टेंट हाउस जैसी फर्मों को भुगतान किया गया।
नाबार्ड की रिपोर्ट से खुली पोल : इस घोटाले की शुरुआत तब उजागर हुई जब राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने बैंकिंग गतिविधियों में अनियमितता की आशंका जताई। नाबार्ड की रिपोर्ट के आधार पर जब जांच शुरू हुई, तो यह सामने आया कि अकेले शंकरगढ़-कुसमी शाखा से 13 करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा किया गया। इसके अलावा, भैयाथान, रामानुजगंज, राजपुर और जमडी समेत कई शाखाओं में भी बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं।
बड़े अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध : बैंक में सामने आए इस फर्जीवाड़े में सिर्फ छोटे कर्मचारी ही नहीं, बल्कि बैंक के बड़े अधिकारी भी शक के दायरे में हैं। जिन खातों के जरिए पैसे ट्रांसफर किए गए, उनके नाम भी संदिग्ध हैं। यह घोटाला संभागभर के हजारों खातों से जुड़ा हो सकता है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
EOW करेगी विस्तृत जांच, कई गिरफ्तारियां संभव : मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर सरगुजा ने इस फर्जीवाड़े में संलिप्त बैंक कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, कलेक्टर ने EOW से मामले की विस्तृत जांच कराने के लिए पत्र लिखा है।
अब क्या होगा?
- EOW जांच शुरू होते ही कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
- बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच होगी।
- संभागभर के लाखों खातों की जांच की जा सकती है।
- आर्थिक अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई संभव।
सरगुजा संभाग का यह घोटाला छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि EOW की जांच में और कौन-कौन से नए नाम सामने आते हैं और इस घोटाले की जड़ें कितनी गहरी हैं।