गौरेला-पेंड्रा-मरवाही

शासन-प्रशासन पर भारी पड़ रहा है ग्राम पंचायत गिरारी का विवादित कोटवार…

• ग्राम सभा की सिफारिशों के बावजूद प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई, ग्रामीणों में भारी आक्रोश…

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।दीपक गुप्ता : ग्राम गिरारी का कोटवार इन दिनों अपने विवादित कारनामों के चलते चर्चा में है। ग्रामीणों ने उस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त, फर्जी दस्तावेज तैयार करना, किसानों से जबरन वसूली और रिकॉर्ड में हेरफेर जैसे मामले शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव और जिला प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन के बावजूद, कोटवार पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

ग्राम सभा का माखौल उड़ाया जा रहा:
छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता के तहत ग्राम कोटवार को ग्राम अधिकारी का दर्जा प्राप्त है, लेकिन गिरारी गांव के इस कोटवार ने अपनी जिम्मेदारियों का गलत इस्तेमाल करते हुए ग्रामीणों के अधिकारों का हनन किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह कोटवार प्रशासन के आंखों का नूर बना हुआ है, जिस वजह से उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जा रहा।

ग्राम सभा ने की थी हटाने की सिफारिश :
ग्राम सभा ने कोटवार की गतिविधियों को गंभीरता से लेते हुए उसे पद से हटाने और कानूनी कार्रवाई करने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग की, लेकिन आज तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के आरोप :
कोटवार पर आरोप है कि वह जमीन खरीद-फरोख्त में अवैध तरीके से भूमिका निभा रहा है। किसानों से राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त करने के नाम पर वसूली करता है और भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए रिकॉर्ड में फर्जी बदलाव करता है। इसके अलावा, ग्रामीणों ने धान विक्रय में भी गड़बड़ी की शिकायत की है।

ग्रामीणों में उबाल, प्रशासन मौन :
कोटवार की इन हरकतों से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है। यदि जल्द ही कोटवार पर कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

ग्रामीणों की मांग :

  1. कोटवार के खिलाफ निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की जाए।
  2. ग्राम सभा के प्रस्ताव का सम्मान करते हुए कोटवार को पद से हटाया जाए।
  3. जमीन और राजस्व से जुड़े फर्जीवाड़े में शामिल सभी व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई हो।
  4. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ग्राम पंचायत की निगरानी प्रणाली को मजबूत किया जाए।

प्रशासन पर उठ रहे सवाल :
गिरारी गांव के इस मामले ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन कब तक इस मुद्दे को अनदेखा करता है या ग्रामीणों को न्याय दिलाने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है।

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