रेलवे निर्माण स्थल बना मौत का कुआं..! चलती मिक्सर मशीन ने ले ली मजदूर की जान…सिर कुचलकर दर्दनाक मौत, लापरवाही से हिला रायगढ़ ; सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दिखावा? कौन है मौत का जिम्मेदार?…

रायगढ़। किरोड़ीमल नगर। सोमवार सुबह किरोड़ीमल नगर में चौथी रेलवे लाइन के निर्माण कार्य के दौरान एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसने निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। कोरबा जिले के कुसमुंडा निवासी 42 वर्षीय संतोष कुमार, जो मिक्सर मशीन चला रहा था, की मौके पर ही सिर कुचलकर मौत हो गई, जब मशीन अचानक चालू हो गई और वह संतुलन खो बैठा।
यह हादसा नहीं, सिस्टम की लापरवाही से हुई खुली हत्या है : प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मिक्सर मशीन अचानक स्टार्ट हो गई। संतोष कुमार पीछे की ओर गिरा और उसका सिर मशीन के भारी पहिए के नीचे आ गया। हादसे में उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सुरक्षा उपायों की घोर अनदेखी का नतीजा है। एक ऐसा हादसा, जिसे रोका जा सकता था।
घटनास्थल पर मची अफरा-तफरी, हत्या की आशंका से दुर्घटना की पुष्टि तक : घटना सुबह लगभग 9:30 बजे उच्चभिट्ठी रोड के पास हुई। पहले-पहल इसे हत्या की आशंका से देखा गया, लेकिन पुलिस जांच और मजदूरों के बयान से यह स्पष्ट हो गया कि यह एक दुर्घटनावश हुई मौत है। कोतरा रोड पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा, जहां मृतक के पर्स से मिले आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस से उसकी पहचान हुई।
तकनीकी खामी या मानवीय चूक? निर्माण कंपनी जांच के घेरे में : प्रश्न यह उठता है कि मिक्सर मशीन अपने आप कैसे चालू हो गई? क्या उसमें कोई तकनीकी खामी थी या किसी ने लापरवाही बरती? निर्माण कंपनी की जिम्मेदारी तय होना अनिवार्य है, क्योंकि ऐसी घटनाएं सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन की ओर संकेत करती हैं।
शोक की लहर, परिजनों को दी गई सूचना : मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है। उनके रायगढ़ पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और यह जानने का प्रयास कर रही है कि हादसे के पीछे असल कारण क्या था।
मजदूरों की जान इतनी सस्ती क्यों? अब खामोशी नहीं, कार्रवाई चाहिए : यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि एक पूरे सिस्टम की असफलता की गवाही है। मजदूर, जो रोज़ खतरों के बीच काम कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षा देना सरकार, कंपनियों और ठेकेदारों की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है। यदि इस बार भी दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में और भी संतोष कुमार समय से पहले ज़िंदगी गंवाते रहेंगे।
अब रायगढ़ खामोश नहीं रहेगा, सवाल जो अब भी जिन्दा हैं :
- किसके अधीन था निर्माण कार्य?
- मशीन की समय पर सर्विसिंग क्यों नहीं हुई?
- साइट पर सुरक्षा पर्यवेक्षक मौजूद क्यों नहीं था?
- मजदूरों को कितनी सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध थीं?
जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते यह मौत सिर्फ एक ‘हादसा’ नहीं, एक अपराध बनी रहेगी।