रायपुर : सुशासन पर भारी जीएसटी कमिश्नर का खेल! जांच की आड़ में अवैध वसूली का बड़ा रैकेट?…

रायपुर। छत्तीसगढ़ देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है, जहां खनिज संपदा के साथ बड़े व्यापार भी होते हैं। यह राज्य आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ-साथ व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। वर्षों से यहाँ बाहरी अधिकारियों को विशेष महत्व दिया जाता रहा है। लेकिन, क्या इन बाहरी अधिकारियों ने इस विश्वास को ठेस पहुंचाई है? राज्य में पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के दौरान जीएसटी विभाग में करोड़ों के हेरफेर की चर्चा रही और अब, मौजूदा शासन में भी यह कहानी दोहराई जा रही है।
रानू, समीर और भीम सिंह की लूट के आगे निकले पुष्पेंद्र मीणा : पूर्व सरकार के कार्यकाल में जीएसटी विभाग में तैनात अधिकारी रानू साहू, समीर बिश्नोई और भीम सिंह पर यह आरोप लगे थे कि इन्होंने विभाग को अवैध वसूली का अड्डा बना दिया था। रानू साहू पर तो यह तक कहा जाता है कि उन्होंने जीएसटी विभाग को ‘सोने का अंडा देने वाली मुर्गी’ बना दिया था। व्यापारियों को जांच के नाम पर भयभीत कर हर महीने 5 से 10 करोड़ रुपये तक की अवैध वसूली की जाती थी। ट्रांसपोर्टर्स को तो बाकायदा तय रकम चुकाने के लिए बाध्य किया जाता था, जिससे परेशान होकर कई व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में कारोबार ही बंद कर दिया।
अब जब सत्ता परिवर्तन हुआ और प्रदेश में सुशासन की सरकार आई, तब लोगों को उम्मीद थी कि इस अवैध वसूली पर रोक लगेगी। लेकिन जीएसटी विभाग के मौजूदा कमिश्नर पुष्पेंद्र मीणा ने इस खेल को और ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
जांच के नाम पर धंधा, सरकार की छवि पर दाग : प्रदेश के युवा और ईमानदार मंत्री ओपी चौधरी के विभाग में ही यह पूरा खेल खुलेआम चल रहा है। मंत्री की सादगी और सीधापन अफसरों के लिए ढाल बन चुका है। जानकारों के मुताबिक, मंत्री को जांच के नाम पर भ्रमित कर दिया गया है, और जीएसटी अधिकारी बखूबी इसका फायदा उठा रहे हैं। राज्यभर में जीएसटी की टीमें बनाकर गली-मोहल्लों तक जांच करवाई जा रही है, लेकिन इसका असर सरकारी राजस्व पर नहीं, बल्कि अधिकारियों की जेबों पर दिखाई दे रहा है।
बिना बिल के करोड़ों का कारोबार, लोहा और पान मसाले पर रहस्यमयी चुप्पी : राज्य में बिना बिल के लोहे का अवैध व्यापार और गुटका-पान मसाले की गाड़ियों की आवाजाही लगातार जारी है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा है? जीएसटी विभाग ने आखिर क्यों इन पर कार्रवाई बंद कर दी है?
क्या ईडी-सीबीआई करेगी जांच? : हेड ऑफिस में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार को अब तक हुई छापेमारी और उसके राजस्व पर असर की विस्तृत जांच करवानी चाहिए। आखिर स्टेट जीएसटी की टीमें किसके इशारे पर कार्रवाई कर रही हैं? क्या मंत्री ओपी चौधरी इस मामले की जांच ईडी या सीबीआई से करवाएंगे?
सरकार की छवि धूमिल करने वाले इन भ्रष्ट अफसरों पर कब गिरेगी गाज? क्या छत्तीसगढ़ के व्यापारियों को राहत मिलेगी या फिर जीएसटी विभाग का यह काला खेल इसी तरह जारी रहेगा? ये सवाल सरकार से जवाब मांग रहे हैं।