रायपुर : सीजीपीएससी घोटाले में बुरी तरह से फंसी भूपेश सरकार, आईएएस टामन सिंह सोनवानी गिरफ़्तार ; मुख्यमंत्री साय ने ट्वीट में लिखा…
◆ क्या धंधलीबाजो पर ताउम्र लग सकता है सरकारी नौकरी करने के मामले में प्रतिबंध या होगी उनकी भी गिरफ्तारी??…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व पीएससी चेयरमैन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ख़ास रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी टामन सिंह सोनवानी को सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 45 लाख की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने कुछ महीने पहले सोनवानी के घर छापेमारी भी की थी।
सीजीपीएससी घोटाले में पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर एसके गोयल को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। यह पीएससी घोटाला वर्ष 2021 से जुड़ा है जिसमें अधिकारियों, कांग्रेस नेताओं और प्रभावशाली लोगों के 18 रिश्तेदारों का डिप्टी कलेक्टर रैंक पर चयन किया गया था।
भारतीय जनता पार्टी नेता व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने इस संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कार्रवाई की मांग की थी।
सीजीपीएससी घोटाले में बुरी तरह से फंसी भूपेश सरकार : मामले में भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने राज्यपाल से शिकायत की थी। बाद में भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। विधानसभा चुनाव 2023 से पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार सीजीपीएससी घोटाले में बुरी तरह से फंसी और भूपेश सरकार की कुर्सी हिल गई। पूर्व गृह मंत्री व भाजपा नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट बिलासपुर में आरोप पत्र दाखिल करके कई भाई-बहन, बेटी-दामाद और रिश्तेदारों को लेकर सवाल उठाया था।
जांच एजेंसी ने कथित भाई-भतीजावाद और जिला कलेक्टरों और डिप्टी एसपी के महत्वपूर्ण पदों पर भर्ती की सुविधा के लिए अपने अयोग्य बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को मेरिट सूची में शामिल करने के लिए तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
इस आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सीबीआई का दावा है कि सोनवानी के बेटे नितेश को डिप्टी कलेक्टर के रूप में तैनात किया गया था, उनके बड़े भाई साहिल के बेटे साहिल को डिप्टी एसपी के रूप में तैनात किया गया था और उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम निरीक्षक के रूप में तैनात किया गया था, उनके बेटे की पत्नी निशा खोसले को डिप्टी कलेक्टर के रूप में तैनात किया गया था और उनके भाई को। बताया गया कि बेटी लोवे का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे (सुमित) का चयन डिप्टी कलेक्टर पद के लिए किया था।
इसको लेकर हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार से पूछा था कि अधिकारियों और नेताओं के बेटा-बेटियों का चयन कैसे हो गया। कोर्ट ने 18 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाते हुए शासन को जांच करने कहा था। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद सात फरवरी 2024 को ईओडब्ल्यू और एसीबी ने अपराध दर्ज किया था। बाद में मामला सीबीआई को दे दिया गया है। इसमें पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक के साथ ही अफसरों और कांग्रेसी नेताओं को आरोपी बनाया गया है।
सोनवानी पर 45 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप है। दूसरी तरफ गोयल की बहू और बेटे पीएससी में चयनित हुए थे। हाईकोर्ट के निर्देश पर सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की अनुमति दी थी।
गौरतलब है कि सोनवानी ने अपने करियर की शुरुआत 1991 में बतौर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के तौर पर की। साल 2008 में उन्हें आईएएस अवाॅर्ड मिला। मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव और कृषि निदेशक रहे सोनवानी राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तक बनाए गए थे। सोनवानी 2004 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।