रायपुर में सुरक्षा और यातायात का महाक्राइस : बृजमोहन अग्रवाल का धमाकेदार खुलासा, सरकार की लापरवाही से शहर संकट में?…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कानून व्यवस्था और यातायात व्यवस्था की स्थिति अब बुरी तरह से चरमरा चुकी है। रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भेजे अपने पत्र में जो खुलासे किए हैं, वे ना केवल चौंकाने वाले हैं, बल्कि राजधानी की सुरक्षा और भविष्य के लिए एक भयानक संकेत भी हैं।
पुलिस बल की भयावह कमी: राजधानी में अपराधियों का साम्राज्य : रायपुर पुलिस विभाग में कुल 3,805 स्वीकृत पद हैं, लेकिन इनमें से 790 पद रिक्त हैं। इसका मतलब यह है कि अपराधों को रोकने वाले हाथों की कमी हो चुकी है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सीधे सवाल उठाया कि जब अपराधी नए-नए तरीके से हमला कर रहे हैं, साइबर अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है, तो सरकार पुलिस बल को क्यों नजरअंदाज कर रही है?
- प्रत्येक पुलिसकर्मी के पीछे 377 से 477 लोग! यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि राजधानी में पुलिसकर्मियों की स्थिति कितनी गंभीर हो चुकी है। जब एक ही पुलिसकर्मी पर इतना भारी बोझ हो, तो उसे अपराधों पर कैसे काबू पाया जा सकता है?
- साइबर अपराध, नक्सल गतिविधियां और नए तरीके के अपराध: बृजमोहन अग्रवाल ने यह स्पष्ट किया कि पुलिस बल की कमी के कारण राजधानी में नई अपराधी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, और सुरक्षा के लिए पुलिस की स्थिति बिल्कुल नाजुक हो चुकी है।
यातायात का अभूतपूर्व संकट : शहर में हर रोज़ जाम, नागरिकों का जीवन हुआ त्रस्त – रायपुर में पंजीकृत वाहनों की संख्या 18 लाख के करीब पहुंच चुकी है, और इसके साथ ही शहर में यातायात व्यवस्था की स्थिति बेकाबू हो चुकी है। सांसद ने चौंकाने वाली जानकारी दी है कि रायपुर में यातायात शाखा के लिए स्वीकृत 2,388 पुलिस बल के मुकाबले केवल 416 पुलिसकर्मी तैनात हैं! यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से बताता है कि राजधानी में वाहनों की संख्या बढ़ने के बावजूद यातायात पर नियंत्रण रखने वाला कोई नहीं है।
- रायपुर में रोजाना जाम, दुर्घटनाओं का सिलसिला बढ़ता जा रहा है: सांसद अग्रवाल ने यह बताया कि वीआईपी मूवमेंट, बढ़ती जनसंख्या और वाहन संख्या के चलते रायपुर के चौक-चौराहों पर रोज़ जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे हर दिन लाखों लोग परेशान हो रहे हैं।
- पुलिस बल की कमी के कारण दुर्घटनाओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है, और यह स्थिति अब बर्दाश्त से बाहर होती जा रही है।
सांसद का सख्त अलर्ट: “सिस्टम की लापरवाही ने रायपुर को संकट में डाल दिया है!” – सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा कि अगर अब भी इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो रायपुर में कानून व्यवस्था और यातायात संकट असमंजस और तबाही का रूप ले सकता है। सांसद ने तत्काल पुलिस भर्ती और अतिरिक्त पुलिस बल की स्वीकृति की मांग की है। उनका कहना है कि राजधानी की बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते अपराध और यातायात दबाव को देखते हुए बिना पर्याप्त बल के सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखना असंभव है।
राजधानी का भविष्य खतरे में: क्या सिस्टम अब भी नहीं जागेगा? : रायपुर के नागरिकों ने अब इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाना शुरू कर दिया है। क्या सरकार अब भी सोती रहेगी, जबकि रायपुर की सड़कों पर हर दिन हत्या, चोरी और दुर्घटनाओं की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं? रायपुर की बढ़ती आबादी और उसके साथ-साथ बढ़ते वाहनों और अपराधों ने स्थिति को बेकाबू बना दिया है। क्या सरकार अब भी बिना कार्रवाई के बैठी रहेगी?
सांसद का कड़ा संदेश:“रायपुर की सुरक्षा और यातायात की स्थिति को लेकर अब और लापरवाही नहीं हो सकती। यह समय है कि सरकार तुरंत कदम उठाए और अपनी जिम्मेदारी निभाए। अगर आज कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में यह शहर और इसके नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस करेंगे।” यह पत्र अब न केवल रायपुर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की व्यवस्था को हिलाने के लिए एक चेतावनी बन चुका है। अगर सरकार ने त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो रायपुर में कानून व्यवस्था और यातायात संकट एक बड़ी त्रासदी का रूप ले सकता है।