रायपुर : मंत्री जी आपके सुशासन की पोल खोल रहे जीएसटी के अफसर??…
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सुशासन की सरकार के बड़े पोस्टर हर जगह दिखाई तो देते है।सरकार भी इसी नारे की बात कहती भी है पर वास्तविकता कुछ और ही है। युवा ईमानदार मंत्री के विभाग में कुछ अफसरों के द्वारा बड़ा खेल किया जा रहा है।
राज्य के जीएसटी विभाग में इन दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच काफी चर्चा बनी हुई है।कुछ अफसरों को चांदी हो गई है।वही कुछ अफसरों की बैचेनी बढ़ी हुई है ! विभाग के काम की अगर बात करे तो मनमानी वसूली का आरोप अकसर लगता ही है।मुख्यालय में अटेच में बैठे एक बड़े अफसर का खेल खुलेआम चल रहा है जिसमे अफसरों को अटैच करके तगड़ा वसूली का खेल किया जा रहा है।महिला कर्मचारी और दिव्यांग कर्मचारी जिन्हें नवा रायपुर जाने में दिक्कत है उनको भी भेजा जा रहा है।
इस ‘ अद्भुत खेल ‘ का नाम है ” कौन होगा नवा रायपुर के नये सर्कलों (सर्कल 10 , 11 ,12) में संबद्ध ! अटैचमेंट के खेल को समझें आखिर कैसे खेल करके अपनी कमाई करने में लगे है।
1) अधिकारियों और कर्मचारियों से नवा रायपुर जाने संबंधी उनकी इच्छा जानने हेतु बाक़ायदा नोटिशीट चलाया गया
2) ऐसे सभी कर्मचारियों और अधिकारी जो नवा रायपुर नहीं जाना चाहते थे उनकी सूची तैयार की गई
3) अब खेल की शुरुवात के तौर पर उन कर्मियों को नवा रायपुर संबद्ध किया गया जिन्हें नवा रायपुर जाने में शारीरिक अथवा पारिवारिक परेशानी हो
4) परेशान कर्मचारियों से पैसे लेकर उनके अटैचमेंट निरस्त कर दिया जाना शामिल है। मानसिक प्रताड़ना का खेल खुलकर किया जा रहा है।यानी भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका है यह अटैचमेंट का खेल !
न्यायधानी में पदस्थ अफ़सर खुद राजधानी में आकर बैठ गए है।सूत्रो के अनुसार अटैचमेंट का खेल इतना शानदार चल रहा है की इससे अफसर की चांदी हो गई है। बेबस कर्मचारियों को परेशान करने का काम किया जा रहा है।उच्च अधिकारी की कमाई का खेल बन चुका है यह “अटैचमेंट”।
अब इस खेल को मंत्री जी कब तक बंद करवाएंगे यह देखना बाकी है। मंत्री जी सुशासन का डंडा इस विभाग में बैठे उच्च अफसरों पर भी चलाये।आपके ग्राफ को गिराने का कोई खेल तो नही चलाया जा रहा है।