रायपुर

रायपुर : मंत्री कार्यालय के सामने दलाल की खुली दुकान, कृषि और ट्राइबल विभाग में दलाल का एकछत्र राज…

रायपुर। देश के इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ कि किसी दलाल के हाथों पूरा विभाग सौप दिया गया हो लेकिन छत्तीसगढ़ में छह महीने पूर्व ही बनी भाजपा सरकार दलालो के हाथों की कठपुतली बन गई है . यह दलाल मंत्री को पहले ही एक बड़ी राशि देकर पूरे विभाग का ठेका ले लिया है।इस दलाल से विशेष मुलाक़ात करने मंत्री वाइट वाल्वो जो कि दलाल की निजी कार है उससे ही आना जाना करता है।अब जो भी काम हो वह दलाल के माध्यम से ही पूरा हो रहा है. इस दलाल ने मंत्री के कार्यालय के सामने ही अपना आलीशान दलाली का अड्डा बना लिया है और इस जगह से ही पूरे प्रदेश में परसेंट लेकर काम बांटा रहा है . दलाल खुलेआम कहता है कि कृषि और ट्राइबल विभाग इसकी जेब मे है।

गुरू चेला के किरदार मे एक आईएएस और दलाल की जोडी नंबर वन : इस दलाल के साथ एक आईएएस की भी बड़ी जोड़ी है।सूत्रों के अनुसार इस आईएएस के दिशानिर्देश पर ही पुरी योजना बनाई जाती है।पूर्व की भूपेश बघेल सरकार मे बीज निगम व महिला बाल विकास में भी इस आईएएस ने करोड़ों का हेरफेर किया था।दलाली के इस खेल में इस आईएएस का भी बड़ा हांथ है।परदे के पीछे भु……… या…… का ही खेल है।कहते हैं कि राजधानी के कई आईएएस अफ़सरों के पैसे को यह दलाल ही चलाता है!इस खेल में भी इसी आईएएस का नाम है।इस आईएएस को भी आप महँगी गाड़ियों में घूमते देख सकते है।अपना पैसा इन्हीं दल्लो के साथ लगाया हुआ है।ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को जेल में डालने की व्यवस्था होनी चाहिये।कहते हैं कि इस आईएएस ने राजधानी की बड़ी होटल्स व कई टाउनशिप में भी अपनी काली कमाई लगाई हुई है।कुल मिलाकर कह सकते हैं कि इस दलाल का गुरू यह आईएएस ही है।दोनो का रहना भी नज़दीक ही है।इस दलाल के साथ कारोबार में यह आईएएस भी बराबर का भागीदार है।यह कई नौकरशाहों की काली कमाई ठिकाने लगाने का ही काम करता है

कृषि और ट्राइबल विभाग की कहानी: कृषि और ट्राइबल विभाग का मंत्रालय कहने को तो एक आदिवासी और सीनियर नेता के पास है मगर मंत्री जी की विभाग में सुनने वाला कोई नही है जो भी फैसला या काम है इसको यह दलाल ही टैकल करता है . आलम यह है कि मंत्री जी खुद दस्तखत करने या किसी काम के लिए इस दलाल के ठिकाने में जाते है.कहते है कि धन व मधुरस में बड़ी ताक़त होती है जो चाहे वो काम हो जाता है।

दलाल के सामने नतमस्तक मंत्री : कृषि और ट्राइबल विभाग एक ऐसा विभाग है जो सीधे किसान और आदिवासियों के हित से जुड़ा हुआ है ऐसे विभाग का ठेका एक मारवाड़ी दलाल के हाथों में सौपना सीधे सीधे किसानों और आदिवासियों के हितों से खिलवाड़ है . 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा अगर प्रचंड बहुमत से जीतकर आई तो इसमें सबसे बड़ा योगदान किसान और आदिवासियों का है सत्ता में आने के बाद भाजपा के मंत्री दलालों के हाथों खेल रहे हैं, इससे यह तो साफ है कि आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में इसका दुष परिणाम भाजपा को भुगतना पड़ेगा .

प्रशिक्षण के नाम पर करोड़ो के बजट का बंदरबाँट : किसानों के उन्नत फसल और संरक्षण के लिए सरकार करोड़ो का बजट आबंटित करती है मगर यह करोड़ो का बजट प्रशिक्षण के नाम पर बंदरबांट किया जा रहा है आकड़ो की अगर बात करे तो वित्तीय वर्ष 2024-25 में संचालक कृषि विभाग द्वारा लगभग 40 करोड़ की स्वीकृति मिली है जिसको बंदरबाँट करने की नीयत से किसानों को प्रशिक्षण देने के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है । इसी तरह ट्राइबल आदिम जाति विभाग में गैर कार्यायलीन फर्नीचर और कपड़े बिस्तर के लिए 19 करोड़ की स्वीकृति मिली है जिसमे भी पहले दलाल और मंत्री ने अपना परसेंट फिक्स कर लिया है इस परसेंट के बाद अगर राशि बची तो काम होगा अन्यथा यह पूरी राशि डकारने की जुगत लगी है ।

कहा कितनी राशि कितने का बंदरबांट आकड़ो में : वित्तीय वर्ष 2024-25 में संचालक कृषि विभाग द्वारा 1000 किसानों को प्रशिक्षण दिया जाना है जिसकी राशि 1 करोड़ 35 लाख है . जैविक प्रमाणीकरण हेतु सहायक अनुदान उनहत्तर लाख है . कृषिकों को आर्थिक सहायता फसल प्रदर्शन हेतु 15 करोड़ 50 लाख , जैविक खाद उत्पादन हेतु एक करोड़ की राशि , कृषक मेला आयोजन हेतु 70 लाख , विभिन्न व्यक्तियों के प्रशिक्षण हेतु एक करोड़ 35 लाख , फसलो के प्रदर्शन के लिए 15 करोड़ 50 लाख , साथ ही इन सबके प्रचार प्रसार के लिए एक करोड़ 64 लाख रुपये खर्च किया जाना है कुल मिलाकर कृषि और ट्राइबल विभाग में करोड़ो के बजट को वारा-न्यारा करने की सुनियोजित षड़यंत्र करते हुए योजना बनाई गई है जिसमे मंत्री के दलाल और मंत्री पर लक्ष्मी की कृपा तो भरपूर बरसेगी और किसान और आदिवासी ताकते रह जाएंगे।

उक्त मामले को लेकर बड़ी चर्चा है कि कैसे मंत्री ने एक दलाल को विभाग ठेके पर दे दिया।इस खबर के बाद विभाग में हड़कंप तो मचेगा।पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की है।४० प्रतिशत की वसूली से लोग अचंभित है।लोग दबी ज़बान में अपनी वेदनाएं बता रहे है मगर पीड़ा को सुनने वाला कोई नही है। अब प्रदेश की आमजनता का हित कैसे होगा। जब मंत्री दलाल के हिसाब से ही चलने लगे है।लोग तो अब भूपेश बघेल के समय को सही मान रहे है।भाजपा के मंत्रियों की लूटपाट से व्यापारी भी त्रस्त हो गये है।भाजपा को ऐसे दलालो से बचने की आवश्यकता है।

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