रायपुर । बस्तर के पत्रकार साथियों की गाड़ी में गांजा रखकर षड्यंत्र पूर्वक फंसाने के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की भूमिका देख रहे हैं, कर रहे हैं, लगे हुए हैं, बात हो रही है, अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं, वाली रही। अंत में वही हुआ, जो होना था। जो कोंटा टीआई अजय सोनकर चाह रहा था। जो अजय सोनकर के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश पुलिस चाह रही थी। जो रेत माफिया चाह रहे थे। चारों पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर हुई। गिरफ्तारी हुई।
छत्तीसगढ़ सरकार इस मामले कुछ कर रही थी। कुछ कर रही है और कुछ करना चाह रही है, यह इस बात से साबित होगा कि सरकार इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करेगी। सारे तथ्य, सबूत और घटनाक्रम इस ओर इशारा कर रहे हैं कि बस्तर के चारों पत्रकार बप्पी राय, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह और शिवेंदु त्रिवेदी को जानबूझ कर फंसाया गया है। और इस पूरे षडयंत्र के पीछे कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर का हाथ है।
जिस व्यक्ति से हम लोगों और समाज की रक्षा की उम्मीद करते हैं, अगर वही व्यक्ति अपराधियों के साथ मिलकर लोगों और समाज के खिलाफ ही षड्यंत्र रचने लगे तो पूरी व्यवस्था का क्या होगा ? जब रक्षक ही भक्षक बन जायेगा तो भरोसा आखिर किसके ऊपर किया जाएगा? कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है। जिसने रेत माफियाओं के इशारे पर पत्रकारों को फंसाने के लिए उनकी गाड़ी में गांजा रखवाया। अगर ऐसे षड्यंत्रकारी को सबक नहीं सिखाया गया तो आने वाले समय में इसके बड़े दुष्परिणाम दिखाई देंगे।
थाना प्रभारी अजय सोनकर रेत माफियाओं के लिए काम कर रहा था। प्रथमदृष्टया यह साबित हुआ है। प्रशासन ने उसे लाइन अटैच किया है। उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। मगर जांच में जरा भी कोताही बरती गई, सारे तथ्य, प्रमाण और घटनाक्रम को नजरअंदाज किया गया और उस षड्यंत्रकारी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई नहीं कि गई तो सरकार के सारे प्रयास सवालों के घेरे में होंगे।
देख रहे हैं, कर रहे हैं, लगे हुए हैं, अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं जैसे जवाबों की उम्मीद प्रदेशभर के पत्रकार सरकार से नहीं कर रहे हैं। सरकार बहुत बड़ी चीज होती है। पत्रकार सरकार से इस पूरे षड्यंत्र के पर्दाफाश और षड्यंत्रकरियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई चाह रहे हैं। मुझे सरकार पर पूरा भरोसा है कि सरकार दूध का दूध, पानी का पानी करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई करेगी। मेरा भरोसा कितना सही है यह तो अंतिम परिणाम तय करेगा, जिसे साबित करने की जिम्मेदारी अब सरकार की है। आलेख – प्रफुल्ल ठाकुर ( प्रेस क्लब अध्यक्ष रायपुर )