रायपुर की शर्मनाक तस्वीर: काम का झांसा देकर मजदूर महिला से दरिंदगी, 16 घंटे तक बंधक बनाकर दुष्कर्म ;धरसींवा से दिल दहला देने वाली वारदात, दोनों आरोपी गिरफ्तार…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली वारदात का गवाह बना है। काम की तलाश में निकली एक गरीब मजदूर महिला को हैवानियत का ऐसा चेहरा देखना पड़ा, जिसे सुनकर रूह कांप जाए। धरसींवा थाना क्षेत्र के सांकरा गांव में महिला के साथ न सिर्फ छेड़छाड़ की गई, बल्कि उसे मदद के नाम पर दूसरी जगह ले जाकर 16 घंटे तक बंधक बनाकर दुष्कर्म जैसी दरिंदगी की गई।
क्या है पूरा मामला : पीड़िता की शिकायत के अनुसार, रायपुर के आसपास मजदूरी कर अपना पेट पालने वाली एक महिला को शिव घृतलहरे नामक व्यक्ति ने काम दिलाने का झांसा देकर अपने साथ ऑटो में बिठाकर सांकरा गांव ले गया। घर पहुंचते ही शिव की नीयत बदल गई। महिला को अकेला पाकर उसने छेड़छाड़ शुरू कर दी और जबरदस्ती करने की कोशिश की। किसी तरह खुद को उसके चंगुल से छुड़ाकर महिला पास की ही एक हेयर ड्रेसर की दुकान “खुशी हेयर ड्रेसर” में मदद की आस लेकर पहुंची।
लेकिन वहाँ जो हुआ, उसने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं।
मदद नहीं, मिला हैवानियत का दूसरा चेहरा : दुकान संचालक योगेश सेन ने महिला की फरियाद सुनने के बजाय दुकान का शटर बंद कर दिया, मोबाइल छीन लिया और महिला को अंदर बंधक बना लिया। फिर 16 घंटे तक लगातार महिला के साथ दुष्कर्म किया और बेरहमी से मारपीट करता रहा। जाते-जाते धमकी भी दे डाली — “किसी को बताया तो जान से मार दूंगा!”
इतने लंबे समय तक माँ की कोई खबर न मिलने पर उसकी छोटी बच्चियां उसे खोजते-खोजते सांकरा पहुँच गईं। महिला भी किसी तरह दरिंदे की कैद से बाहर निकलने में सफल रही और बच्चियों के साथ जाकर सिलतरा पुलिस चौकी में पूरा घटनाक्रम बताया।
त्वरित कार्रवाई, आरोपी सलाखों के पीछे : शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आई, महिला को तत्काल चिकित्सकीय परीक्षण के लिए सीएचसी धरसींवा भेजा गया। वहीं, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शिव घृतलहरे और योगेश सेन दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ दुष्कर्म, बंधक बनाना, धमकी देना, और मारपीट जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
प्रशासन और समाज से सवाल :
- क्या यह प्रदेश मजदूर महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
- क्या गरीबों की मजबूरी अब दरिंदों के लिए शिकारगाह बन चुकी है?
- महिला सुरक्षा सिर्फ नारे हैं या धरातल पर कोई असर भी है?
ये कोई फिल्मी कहानी नहीं, हकीकत है छत्तीसगढ़ की राजधानी की : जहां काम की उम्मीद लेकर निकली एक महिला को दरिंदगी के नर्क से गुजरना पड़ा। प्रशासन को इस मामले में महज गिरफ्तारी से आगे जाकर फास्ट ट्रैक कोर्ट के ज़रिए कड़ी सजा सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि अगली बार कोई योगेश या शिव किसी महिला को बंधक बनाने से पहले हजार बार सोचे।