रायपुर : कांग्रेस पार्टी में कक्का नहीं, कंस रहते हैं : राधिका खेड़ा
रायपुर। भाजपा नेता राधिका खेड़ा ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिस प्रकार से विगत चार-पांच दिनों से कानून-व्यवस्था को लेकर हायतौबा मचा रही है, क्या यह किसी बड़ी घटना को छिपाने की कवायद है ?…खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस कार्यालय में खुद के राष्ट्रीय प्रवक्ता से दुर्व्यवहार होता है। जो अपनी घर की बेटियों को न्याय नहीं दिला पाते वे प्रदेश के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं रखते। कांग्रेस पार्टी में कक्का नहीं बल्कि कंस रहते हैं।
भाजपा नेता खेड़ा ने सोमवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में कभी भी महिलाओं का सम्मान नहीं हुआ। कांग्रेस पार्टी में कक्का नहीं, कंस रहते हैं। जो अपनों को भी नहीं छोड़ते। कंस ने भी अपनी बहन के बच्चों को भी नहीं छोड़ा, कांग्रेसी भी बहन बनाकर बुलाते है और अपमान करने का एक मौका भी नहीं छोड़ते हैं।
भाजपा नेता ने प्रदेश में महिला अपराध की कथित घटनाओं को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की बात पर कहा कि कांग्रेस में महिला खुद ही सुरक्षित नहीं है। मेरी बात हो या फिर अर्चना गौतम की बात हो जिससे प्रियंका गांधी के सचिव ने दुर्व्यवहार किया था। महिला कांग्रेस को सबसे पहले उन्हें न्याय दिलाना चाहिए।
सुश्री खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में अनेक आपराधिक घटनाएं कांग्रेस कार्यालय के भीतर ही हुई हैं। जिसमें उनके सन्निकार कर्मकार मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल ने अपने तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के सामने कांग्रेस के महामंत्री से गाली-गलौज और हाथापाई तक की। लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। जो कांग्रेस अपने प्रदेश कार्यालय तक की कानून-व्यवस्था तक नहीं सम्हाल पाई हो, आज उसे प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार अपराधियों पर नकेल कस रही है। कांग्रेस के समय में शरण पाये अपराधियों को या तो राज्य छोड़ना पड़ रहा है या वे जेल जा रहे हैं।
श्रीमती साहू ने कांग्रेस की महिला नेत्रियों को मशविरा देते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के बजाय अपने ही वरिष्ठ नेताओं के घरों को घेरना चाहिए। उनसे यह सवाल पूछना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी के दफ्तरों में पार्टी की नेत्रियां क्यों सुरक्षित महसूस नहीं करती? क्यों उनके साथ आए दिन खुलेआम अभद्रता की जाती है? क्यों उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले नेता दंड भुगतने के बजाए पुरस्कृत किए जाते है।