रायगढ़ : मेडिकल कॉलेज के 50 जूनियर डॉक्टरों की नौकरी पर मंडराया खतरा, जानिए क्या है मामला…
रायगढ़। स्व. लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में 17 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति पर संकट उत्पन्न हो गया है। महाविद्यालय के डीन ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को पत्र लिखकर इन पदों को सरेंडर करने की सिफारिश की है, क्योंकि नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के नियमों के अनुसार, केवल स्नातकोत्तर (पीजी) छात्रों को ही जूनियर रेजिडेंट के रूप में मान्यता प्राप्त है। चूंकि महाविद्यालय में पीजी छात्रों की पर्याप्त संख्या है, इसलिए एमबीबीएस स्तर के जूनियर रेजिडेंट की आवश्यकता नहीं मानी जा रही है।
इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए छत्तीसगढ़ डॉक्टर फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. हीरा सिंह ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज से संबंधित अस्पतालों में इलाज का अत्यधिक भार होता है, और पीजी छात्रों को अपनी पढ़ाई के साथ-साथ इलाज भी करना होता है। ऐसे में एमबीबीएस स्तर के जूनियर रेजिडेंट उपचार व्यवस्था में सहायक होते हैं। उन्होंने पद सरेंडर किए जाने के प्रस्ताव का विरोध करने की बात कही है।
डीन द्वारा भेजे गए पत्र में यह भी सुझाव दिया गया है कि जूनियर रेजिडेंट पद पर कार्यरत नियमित चिकित्सकों को उन नए मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाए, जहां स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित नहीं हो रहे हैं, या उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के अन्य संस्थानों में नियुक्त किया जाए। यदि इन पदों को सरेंडर किया जाता है, तो इससे महाविद्यालय पर वेतन और भत्तों के रूप में होने वाले खर्च की बचत होगी, जिसका उपयोग पीजी पाठ्यक्रम में अध्ययनरत छात्रों को स्टाइपेंड के रूप में किया जा सकेगा।