रायगढ़

रायगढ़ में जंगल की आग का तांडव : सुलगते पहाड़ों से उठी तबाही की लपटें…

रायगढ़। जिले के जंगलों में लगी आग ने अब तक हजारों हेक्टेयर क्षेत्र को खाक कर दिया है, लेकिन प्रशासन अब भी “सोया हुआ” नजर आ रहा है। 20 से अधिक जगहों पर भड़की आग ने न सिर्फ पर्यावरण को तबाह किया, बल्कि वन्यजीवों के लिए भी मौत का जाल बिछा दिया है।

आग का तांडव: दिन में सूरज, रात में जलते जंगल : तमनार और घरघोड़ा के जंगलों में लगी आग इतनी भयानक हो चुकी है कि आसपास के गांवों तक धुआं फैल गया है। आग की लपटें पहाड़ियों पर इस कदर उछल रही हैं कि दूर-दूर तक नजर आ रही हैं।

गर्मी के मौसम में हर साल आग लगने की घटनाएं बढ़ती हैं, लेकिन इस बार विभाग की निष्क्रियता से हालात और भी बिगड़ गए हैं। वन विभाग को आग लगने की सूचना सैटेलाइट अलर्ट से मिल रही है, लेकिन जमीनी कार्रवाई नदारद है। फायर वॉचर्स सिर्फ नाम के हैं और जंगल जल रहे हैं।

वन्यजीवों की चीखें, राख बनता जंगल : इस भयानक आग से सैकड़ों पेड़ जलकर राख हो चुके हैं, और वन्यजीवों का कोई अता-पता नहीं है। वन्यजीवों के लिए यह आग मौत का फरमान बन चुकी है।

स्थानीय लोगों का आरोप : गांववालों का कहना है कि वे प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही। ग्रामीणों ने खुद ही बाल्टी और कपड़े से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन लपटें इतनी भीषण हैं कि वे नाकाम रहे।

वैज्ञानिकों की चेतावनी: “यह सिर्फ शुरुआत है!” : पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, ऑर्गेनिक कार्बन की बढ़ती मात्रा और घटती नमी से जंगलों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ेंगी। यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो रायगढ़ के जंगल सिर्फ इतिहास बनकर रह जाएंगे।

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