रायगढ़

रायगढ़ : छात्रावास नहीं, “सरकारी उपेक्षा तीर्थ” चलिए दर्शन करने पाराघाटी…!

🤷‍♀️ बेटियाँ क्यों रखी गई हैं हॉस्टल में? शायद इसलिए कि :

  • उन्हें पता चल सके भ्रष्टाचार का स्वाद कैसा होता है।
  • वे सीख सकें कि “जिंदा रहने के लिए सरकारी उपेक्षा को कैसे पचाया जाता है।”
  • और क्योंकि प्रशासन को “बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का नया तरीका” मिल गया है:

“उन्हें खुद ही अपनी शिकायत लिखना सिखा दो, फिर खुद ही सुनवाई करना!”

🍽️ भोजन योजना – Zero से भी नीचे के कैलोरी चमत्कार!

  • दो किलो आलू से जब 47 बच्चियाँ पेट भर सकती हैं,

तो भारत का नोबेल पुरस्कार तय समझिए!

  • चावल ऐसा है जो दिखता नहीं,
  • दाल का रंग ऐसा कि पता नहीं पानी है या आंसू।
  • सब्ज़ी? कल्पना कीजिए, वही पर्याप्त है।

प्रशासन का मानना है: “भूख लगने का इलाज भूखा रहना है।”

🏚️ छात्रावास भवन – ‘टाइम बम’ विद ब्रोकन प्लास्टर!

  • छत ऐसी कि कोई दिन विशेष पर अपने आप गिफ्ट दे दे – ईंटों की बारिश!
  • दीवारें सरकार के वादों की तरह – धीरे-धीरे ढहती हुईं।
  • फर्श ऐसा, जिस पर चलने से पहले बच्चियाँ प्रार्थना करती हैं – “हे छत्तीसगढ़ माता, बचा लेना!”

भवन की हालत देख UNICEF और ASI दोनों कन्फ्यूज़ हैं –
“ये विरासत है या भविष्य की हत्या?”

🧑‍🏫 स्टाफ – बहुउद्देश्यीय ‘प्रभु’ जो कभी दिखते नहीं!

  • इनसे पूछो बच्चियाँ क्यों रोती हैं –
    जवाब मिलेगा: “इमोशनल हैं जी।”
  • कहो खाना नहीं मिला –
    जवाब: “डायटिंग करा रहे हैं।”
  • शिकायत करो –
    जवाब: “अभी देख लेते हैं” (2022 से जारी प्रक्रिया)।

इंचार्ज महोदय, आप सच में “व्यंग्य कथा के नायक” हो।

🧻 शौचालय – किसी ज़माने का स्मारक!

  • पानी की जगह ‘भक्ति’ से सफाई
  • बदबू ऐसी कि आंखें खोलने से बेहतर आंख बंद रखना
  • बच्चियाँ अंदर जाती नहीं, योगा करती हैं – मूवमेंट कंट्रोल के लिए।

“स्वच्छ भारत” यहाँ जाकर शर्मिंदा हो गया।

📞 सूचना पट्ट – एक बार था, अब उसका भूत है।

  • बच्चियों के नाम तो हैं, पर नंबर गायब
  • क्या कोई भूत संपर्क करने से रोक रहा है, या ये “गोपनीयता की सरकार योजना” है?

“बेटियाँ रहें, रोएँ, घुटें — बस किसी को पता न चले। यही शासन की डिजिटल चुप्पी है।”

🥇 पुरस्कारों की सूची: (व्यंग्य श्रेणी में)

विभागपुरस्कार
महिला एवं बाल विकास“बच्चियों के खिलाफ उत्कृष्ट चुप्पी सम्मान”
DEO“ऑफिस में रहकर निरीक्षण करने की अंतरात्मा रत्न”
PWD“भवन निर्माण में आत्मघाती आर्किटेक्चर अवॉर्ड”

🚨 सरकार की तरफ़ से संभावित बयान (Coming soon):

❝ हमें जानकारी नहीं थी।❞
❝ हमने संज्ञान ले लिया है।❞
❝ जाँच कमेटी गठित कर दी गई है – रिपोर्ट अगले युग में आएगी।❞
❝ बच्चियाँ सुरक्षित हैं – हम WhatsApp पर जांच कर रहे हैं।❞

🎤 जनता की आवाज़:

  • “इतना अत्याचार तो जेल में नहीं होता।”
  • “बेटियाँ पढ़ने भेजे थे, जंग झेलने नहीं।”
  • “हमें शर्म आती है कि हम चुप हैं।”

अब नहीं बोला गया, तो अगला हॉस्टल भी यही हाल होगा।

“कुछ कहानियाँ अधूरी नहीं छोड़ी जातीं… पाराघाटी कन्या छात्रावास में पार्ट 2 का आगाज़ बहुत जल्द !”

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