भिलाई : बलौदा बाजार हिंसा के मामले में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव गिरफ्तार…
भिलाई। बलौदा बाजार हिंसा के मामले में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी हो गई है। बलौदाबाजार भाटापारा पुलिस सुबह 7 बजे से ही विधायक के सेक्टर पांच स्थित घर पहुंची हुई थी है। सुबह से ही देवेंद्र यादव के बंगले से बाहर निकलने का इंतजार कर रही थी। एएसपी अभिषेक सिंह पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
बंगले पर पुलिस के एएसपी के अलावा डीएसपी बलौदाबाजार ईश्वर चंद्राकर, निरीक्षक योगिता खापर्डे सहित आधा दर्जन से अधिक थानों के प्रभारी की टीम शामिल है। विधायक के बंगले के बाहर समर्थकों का भी जमावड़ा लग गया है, पीसीसी चीफ दीपक बैज सहित भारी तादात में कांग्रेसी नेता कार्यकर्ता मौके पर मौजूद है और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है।
विधायक प्रतिनिधि का कहना है कि भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को राज्य सरकार जबरन फसाने की कोशिश कर रही है। वहीं देवेंद्र यादव के समर्थक भी पुलिस की कार्रवाई के विरोध में मौके पर जुटे हुए है।
बता दें कि बलौदाबाजार कलेक्टर ऑफिस का घेराव कर आगजनी की घटना हुई थी। इस घटना के बाद सरकार ने कलेक्टर और एसपी को तत्काल प्रभाव से वहां से हटा दिया था। इसी मामले को लेकर भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को भी नोटिस दिया गया था।
पुलिस का कहना है कि आगजनी की घटना के पूर्व भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव भी वहां उपस्थित थे। विधायक ने वहां पर भाषण भी दिया था। इसे आधार बनाकर बलौदाबाजार पुलिस लगातार देवेंद्र यादव का बयान दर्ज करने के लिए लगातार नोटिस जारी कर रही है। लेकिन विधायक देवेंद्र यादव बलौदाबाजार थाने में बयान दर्ज कराने से लगातार इंकार करते आ रहे है। लगाातार नोटिस जारी करने के बाद आज जब सुबह बलौदाबाजार पुलिस विधायक देवेंद्र यादव के सेक्टर पांच स्थित निवास पर पहुंची।
बलौदाबाजार हिंसा की टाइमलाइन :
- 15 मईः सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
- 16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
- 17 मई : पुलिस ने मामला दर्ज कर किया।
- 19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का जाम किया था। इस दौरान समाज के गुरु और पूर्व मंत्री रुद्रकुमार ने कार्रवाई की मांग की, वहीं गुरु खुशवंत साहेब ने कांग्रेस सरकार में हुए प्रदर्शन की याद दिलाई।
- 19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी।
- 20 मई : समाज के लोगों की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि गलत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जो दोषी हैं, उन्हें पकड़ा जाए। वहीं आंदोलन की रूप रेखा तैयार हुई।
- 21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।
- 08 जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही जांच में तेजी लाने की बात कही गई।
- 09 जून: डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए। इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी।
- 10 जून : इसी प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाडियां जला दी गई।
- 10 जून : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसमें उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए। मौके पर IG और कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट तलब की गई है, 7 अलग-अलग FIR दर्ज की गई। 73 आरोपी गिरफ्तार हुए, 200 हिरासत में लिए गए। उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें और जांच के लिए 22 पुलिस अफसरों की टीम बनाई गई।
- 11 जून : पुलिस ने शाम तक 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया। उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 12 टीमें बनाई गईं। कई जगह छापामार कार्रवाई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीटिंग में अधिकारियों की बैठक लेकर नाराजगी जताई। देर रात आईएएस दीपक सोनी को नया कलेक्टर और विजय अग्रवाल को नया एसपी नियुक्त किया गया। हटाए गए कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसपी सदानंद कुमार को पुलिस मुख्यालय भेजा।
•12 जून : भाजपा के आरोपों पर पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार गिरफ्तारी देने के लिए थाने पहुंचे। उन्होंने मंत्रियों के माफी नहीं मांगने पर मानहानि का केस करने की चेतावनी दी। - 13 जून : कांग्रेस की 7 सदस्यीय जांच टीम घटना स्थल पर पहुंची। उसने धार्मिक स्थल पर पूजा-अर्चना की। टीम के संयोजक और पूर्व मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि, जैतखाम को क्षतिग्रस्त किया गया, तब FIR भी नहीं हुई।
- 15 जूनः भीम रेजिमेंट के रायपुर संभाग अध्यक्ष जीवराखन बांधे जगदलपुर से गिरफ्तार, सूत्रों के मुताबिक प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश सोनवानी को भी रायपुर से पकड़ा गया।
- 17 जूनः प्रशासन ने जिले में 20 जून तक धारा-144 बढ़ा दी।
- 18 जूनः कांग्रेस ने प्रदेशस्तरीय धरना प्रदर्शन किया।
- 21 जूनः एक आरोपी गिरफ्तार किया गया जिसने बवाल के दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर तिरंगा फहराने वाले पोल पर सफेद झंडा लगाया था। 21 जून को शहर में लगाई गई धारा-144 जिला कार्यालय तक सीमित की गयी।
- 25 जूनः घटना के 7 और आरोपी गिरफ्तार।
- 29 जून: भीम आर्मी के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश आजाद, प्रदेश महासचिव राम स्वरूप महिलांगे और एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
- 6 जुलाई: युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष शैलेंद्र बंजारे और प्रवीण महिलांगे को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
- 7 जुलाई: जांजगीर-चांपा में भीम आर्मी का पूर्व जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश बंजारे अरेस्ट हुआ।
- 15 जुलाई: हिंसा की रणनीति बनाने वाला मोहन
बंजारे समेत 4 और गिरफ्तार। अब तक 163 की गिरफ्तारी। - 16 अगस्तः बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस पार्षद पंकज उर्फ गोल्डी मरैया को बुधवार को गिरफ्तार किया गया। आगजनी करने के आरोप में किसी जनप्रतिनिधि की यह पहली गिरफ्तारी है।