भर्ती में पारदर्शिता या केवल दिखावा?” पीएम आवास ग्रामीण योजना की पात्र-अपात्र सूची जारी, अब 10 जून तक दावा-आपत्ति का मौका…

रायगढ़, 7 जून 2025 | प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत संविदा पदों पर भर्ती की प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में है। लंबे इंतजार और भारी ऊहापोह के बाद पात्र-अपात्र सूची तो जारी कर दी गई है, लेकिन अब उम्मीदवारों को अपनी किस्मत के फैसले के लिए सिर्फ तीन दिन दिए गए हैं – 10 जून तक!
शायद अधिकारियों को यह गलतफहमी है कि बेरोजगार युवा रजिस्टर्ड डाक की स्पीड से दौड़ते हैं या फिर हर कोई जिला पंचायत कार्यालय के चक्कर काटने को उत्साहित है।
सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षण समन्वयक के लिए कुल 328, विकासखंड समन्वयक के लिए 176, तकनीकी सहायक हेतु 424 और डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए 189 आवेदन मिले हैं। मजेदार बात यह है कि 11 आवेदन केवल इसलिए खारिज कर दिए गए क्योंकि आवेदित पद का नाम लिफाफे पर नहीं लिखा था! यानी कि यहां डिग्री नहीं, डाक लिफाफे की हैंडराइटिंग ही नौकरी का भविष्य तय कर रही है।
चयन समिति ने स्क्रूटनी कर सूची तैयार कर दी है, लेकिन जिस ‘दावा-आपत्ति’ की प्रक्रिया को पारदर्शिता का प्रतीक बताया जाता है, उसमें भी नाटक कम नहीं। पहले 6 जून तक का समय दिया गया था, अब तीन दिन और बढ़ाकर 10 जून कर दिया गया – शायद इसलिए कि गड़बड़ी के आरोपों से पहले थोड़ा ‘क्लीन चिट’ का नाटक हो सके।
आवेदकों को निर्देश दिया गया है कि बंद लिफाफे में, रजिस्टर्ड डाक या स्पीड पोस्ट से या फिर खुद पहुंचकर दावा-आपत्ति करें। ध्यान रहे – लिफाफे में “पीएम आवास योजना – ग्रामीण के संविदा पद हेतु दावा-आपत्ति” साफ-साफ लिखा हो, नहीं तो आवेदन फेंकने में देर नहीं लगेगी।
सवाल यह है कि क्या यह भर्ती प्रक्रिया वास्तव में पारदर्शी है, या फिर यह भी उन योजनाओं में से एक है, जिनका उपयोग केवल आंकड़े भरने और ‘कागज़ी भर्ती’ रचने में किया जाता है?
भर्ती प्रक्रिया का विस्तृत विवरण और दावा-आपत्ति का प्रारूप www.raigarh.gov.in पर उपलब्ध है – बशर्ते वेबसाइट चल रही हो और उम्मीदवारों के पास स्मार्टफोन, डेटा पैक और धैर्य बचा हो।
उम्मीदवारों को सलाह है कि आवेदन करते समय अब केवल योग्यताएं नहीं, बल्कि डाक लिफाफे की सजगता और फॉर्मेट की चालाकी भी साथ रखें – वरना नौकरी की जगह निरस्तीकरण की पर्ची हाथ लगेगी।
📌 जारी रहेगा सत्य का लेखा-जोखा…
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