बीजापुर : शहीद पत्रकार मुकेश चंद्रकार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देख दहला पुरा पत्रकार जगत, आरोपियों के फांसी कि मांग?…
बीजापुर। शहीद पत्रकार मुकेश चंद्रकार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल दहलाने वाली आई है। उसके शरीर का ऐसा कोई भी हिस्सा नहीं छूटा था जहां आरोपियों ने चोट न पहुंचाई हो। रिपोर्ट में उसके लीवर 4 टुकड़ों में मिले हैं। 5 पसलियां टूटीं, सिर पर 15 फ्रैक्चर, हार्ट फटा हुआ और गर्दन टूटी हुई मिली है।
पीएम करने वाले डॉक्टरों ने भी पत्रकारों से कहा है कि उन्होंने अपने कॅरियर में इतनी बुरी स्थिति में कोई शव नहीं देखा है। शहीद पत्रकार मुकेश की हत्या के लिए आरोपियों ने पहले पीछे से वार किया और जब वह गिर गया तो उस पर ताबड़तोड़ वार किए गए, जिससे पलभर में ही उसकी मौत हो गई। शव का पीएम डॉ राजेन्द्र रॉय व दो अन्य डाक्टरों ने किया।
यह घटना दिल को झकझोर देने वाली और बेहद निंदनीय है। पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या जिस प्रकार से की गई है, वह न केवल मानवता के खिलाफ अपराध है बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी हमला है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से यह साफ है कि यह हत्या एक सोची-समझी और निर्मम साजिश के तहत की गई थी। ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष न्याय जरूरी है ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके और यह एक उदाहरण बने कि पत्रकारों के साथ ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। एसआईटी का गठन और फॉरेंसिक जांच इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि न्याय प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो।
सरकार को चाहिए कि न केवल दोषियों को सजा दिलाए बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। यह घटना केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे समाज और उस प्रणाली पर हमला है जो सच्चाई को उजागर करने की कोशिश करती है।
मुकेश चंद्रकार के लिए न्याय की मांग में हर नागरिक की भागीदारी और समर्थन जरूरी है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।