बीजापुर : बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त, कई गांवों का जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क, सड़क मार्ग बदहाल…

बस्तर। संभाग में भारी बारिश से एक बार फिर तबाही मचाई है। इधर, बीजापुर जिले में लगातार हो रही बारिश की वजह से नदी-नाले उफान पर हैं।
वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश के दस जिलों के लिए भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें कोरिया, कोरबा, धमतरी, गरियाहबंद, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर समेत अन्य जिले शामिल हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक प्रदेश में मानसून सक्रिय रहेगा। इस दौरान कई जगहों पर गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना है। कई जिलों में बिजली गिरने का भी अलर्ट जारी किया गया है।
सैकड़ों घरों में घुसा पानी: दरअसल, इंद्रावती नदी का जलस्तर भी धीरे-धीरे खतरे के निशान को छूने लगा है। बीजापुर जिला मुख्यालय से लगे धनोरा में बाढ़ आने से बोरजे, तोयनार क्षेत्र के दर्जनों गांवों तक सड़क का संपर्क टूट गया है. छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा में रामपुरम गांव के पास नेशनल हाइवे 63 में बाढ़ आने से रविवार देर रात से लोग फंसे हुए हैं।
देर रात से फंसे इन लोगों की सुध लेने प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा। भैरमगढ़ नगर में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है. सैकड़ों घरों में बाढ़ के पानी ने तांडव मचाया है। खाने-पीने के सामान सहित घर पर रखा हर सामान बाढ़ के पानी की चपेट में आ गया है।
चेरपाल नदी में बाढ़ के कारण गंगालूर और चेरपाल समेत सैंकड़ों गांवो का जिला मुख्यालय से सम्पर्क टूट चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर मिनगाचल नदी, छत्तीसगढ़ तेलंगाना और महाराष्ट्र सीमा पर इंद्रावती और गोदावरी का जल स्तर भी बढ़ गया है। लगातार हो रही बारिश से बीजापुर जिले का संभाग मुख्याल और राजधानी से भी सड़क सम्पर्क टूट सकता है।
बीजापुर कलेक्टर द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए सभी आपदा प्रबंधन व नगर सैनिकों को रेस्क्यू आपरेशन करने तैनात किया गया है। जिले के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक सहित पटवारी, पंचायत सचिवों की ड्यूटी लगाई गई है। नगर सैनिक की टीम बाढ़ क्षेत्र में रेस्क्यू कर राहत पहुंचाने का काम कर रही है।