बिलासपुर

बिलासपुर : महापौर शपथ ग्रहण में बड़ी चूक, ‘सांप्रदायिकता बनाए रखने’ की ली शपथ, विपक्ष ने बोला हमला…

बिलासपुर। नगर निगम के शपथ ग्रहण समारोह में एक बड़ी चूक देखने को मिली, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। बीजेपी की नव निर्वाचित महापौर पूजा विधानी ने मंच से शपथ लेते हुए ऐसा शब्द बोल दिया, जिसने पूरे सभागार को हतप्रभ कर दिया। गलती इतनी गंभीर थी कि उन्हें दोबारा शपथ लेना पड़ा।

शपथ ग्रहण में बड़ी गलती, जनता भी रह गई दंग : जैसे ही पूजा विधानी ने शपथ ली, उनके शब्दों ने मंच पर मौजूद नेताओं और जनता को चौंका दिया। उन्होंने संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हुए “सांप्रदायिकता बनाए रखने” की बात कह दी। चंद सेकंड के लिए पूरा माहौल शांत हो गया, फिर पब्लिक में हलचल तेज हो गई। अधिकारी आपस में नजरें मिलाने लगे, और मंच पर बैठे बड़े नेता भी हैरान रह गए।

कुछ पलों बाद पूजा विधानी को अपनी भारी भूल का एहसास हुआ और उन्होंने दोबारा शपथ ली, इस बार सही शब्दों के साथ – “सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने” की प्रतिज्ञा ली। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।

विपक्ष ने बोला हमला – ‘महापौर को सांप्रदायिकता का मतलब भी नहीं पता :  इस चूक को लेकर विपक्ष ने तुरंत मोर्चा खोल दिया।

  • कांग्रेस नेता प्रमोद नायक ने तंज कसते हुए कहा “बीजेपी को खुद नहीं पता कि उन्होंने किसे महापौर बनाया और अब तो यह भी साफ हो गया कि महापौर जी को ‘सांप्रदायिकता’ का मतलब भी नहीं पता।”
  • आम आदमी पार्टी की नेत्री प्रियंका शुक्ला ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी  – संविधान को साक्षी मानकर एक महापौर अगर सांप्रदायिकता बढ़ाने की शपथ ले रही हैं, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा? हालांकि बाद में सुधार कर लिया, लेकिन इतने बड़े पद पर बैठने से पहले इतनी समझ तो होनी ही चाहिए!”

शपथ ग्रहण में केंद्रीय मंत्री और डिप्टी सीएम भी थे मौजूद : इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, डिप्टी सीएम अरुण साव, विधायक अमर अग्रवाल समेत कई बड़े नेता मौजूद थे। हालांकि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इसमें शामिल नहीं हुए।

इस चूक के बाद सोशल मीडिया पर #BilaspurMayorOathMistake ट्रेंड करने लगा। लोग इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

क्या यह सिर्फ गलती थी या बड़ी लापरवाही? : राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह सिर्फ एक जुबान फिसलने की गलती थी या फिर राजनीतिक समझ और योग्यता की कमी का संकेत? बहरहाल, कार्यक्रम संपन्न हो गया, पार्षदों ने भी शपथ ले ली, और अब बिलासपुर नगर निगम का संचालन ‘सही शब्दों’ के साथ शुरू होने जा रहा है।

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